बिहारशरीफ : मजदूरों का पलायन रोकने में मनरेगा फेल हो रहा है. कई माह से मजदूरों को निरंतर काम नहीं मिलने से मजदूर काम की तलाश के लिए दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं.
गांव स्तर पर लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा योजना चलायी गयी है. काम के इच्छुक लोगों का जॉब कार्ड बना कर काम दिये जाते हैं. एक मजदूर को साल में कम-से-कम सौ दिन काम दिये जाने का प्रावधान है. एक दिन काम के बदले 167 रुपये दिये जाते हैं.
बताया जाता है कि केंद्र द्वारा योजना की राशि में कटौती कर दी गयी है. इसके कारण योजना क्रियान्वयन में रुकावट आ रही है. कार्य को धरातल पर उतारनेवाले 123 पीआरएस की सेवा समाप्त कर दी गयी है. इसके कारण भी मजदूरों को काम नहीं मिलने में परेशानी हो रही है.