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बीएड व एमएड का रास्ता साफ

टीएमबीयू. राजभवन से सिलेबस अनुमोदित होकर पहुंचा विश्वविद्यालय भागलपुर : राजभवन ने बीएड व एमएड का सिलेबस अनुमोदित करने के बाद तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय को भेज दिया है. इससे सभी 28 अंगीभूत महाविद्यालय में बीएड व इवनिंग कॉलेज की खाली बिल्डिंग में एमएड कोर्स शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है. इवनिंग कॉलेज की […]

टीएमबीयू. राजभवन से सिलेबस अनुमोदित होकर पहुंचा विश्वविद्यालय
भागलपुर : राजभवन ने बीएड व एमएड का सिलेबस अनुमोदित करने के बाद तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय को भेज दिया है. इससे सभी 28 अंगीभूत महाविद्यालय में बीएड व इवनिंग कॉलेज की खाली बिल्डिंग में एमएड कोर्स शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है. इवनिंग कॉलेज की खाली बिल्डिंग में एमएड शुरू करने का निर्णय भागलपुर विश्वविद्यालय ने पूर्व में ही लिया था.
कोर्स शुरू करने में विश्वविद्यालय जितनी दिलचस्पी दिखायेगा, उतनी अधिक संख्या में छात्रों को लाभ मिलेगा. राजभवन ने राज्य सरकार को भी गत दो सितंबर को निर्देश दिया है कि दो वर्षीय बीएड कोर्स के लिए फिलहाल फीस तो तय कर दी गयी है, लेकिन इसे एनसीटीइ की 18.2.2002 की अधिसूचना व यूजीसी की गाइड लाइन के तहत दोबारा निर्धारित करें.
सूचना है कि राजभवन का निर्देश मिलने के बाद राज्य सरकार ने बीएड का फीस निर्धारित करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. कमेटी में शिक्षा सचिव, वित्त सचिव, शारीरिक शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि, संस्थागत वित्त, लेखा व अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ को शामिल किया गया है. राजभवन ने फिलहाल बीएड का जो फीस निर्धारित किया है, उसके मुताबिक छात्रों को पहले वर्ष में 53 हजार व दूसरे वर्ष में 42 हजार रुपये का भुगतान करना होगा.
बीएड व नर्सिग की प्रवेश परीक्षा 20 को
भागलपुर. इगAू के मैनेजमेंट कार्यक्रमों, बीएड व बीएससी नर्सिग की प्रवेश परीक्षा 20 सितंबर को होगी. विश्वविद्यालय ने हॉल टिकट अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. हॉल टिकट डाउनलोड होने में दिक्कत होने पर इगAू के क्षेत्रीय केंद्र में परीक्षा फॉर्म की प्रतिलिपि, पासपोर्ट साइज फोटो जमा करने पर उपलब्ध कराया जायेगा. यह जानकारी क्षेत्रीय निदेशक डॉ एसजे नीदिराजन ने दी.
लेकिन कुछ अड़चनें भी हैं
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेजों में बीएड कोर्स शुरू करने के लिए जो मुख्य अड़चनें हैं, वह है बुनियादी सुविधाओं की. एनसीटीइ के मानक के अनुसार बीएड कोर्स के लिए अलग से भवन, लेबोरेटरी, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब, सांस्कृतिक हॉल, संगीत विभाग आदि होना जरूरी है. प्रत्येक कॉलेज में इसे पहले तैयार करना होगा ताकि एनसीटीइ को आवेदन किया जा सके और निरीक्षण के दौरान एनसीटीइ के अधिकारी बीएड कोर्स शुरू करने की अनुमति दे सके. लेकिन कॉलेजों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है.
क्या ऐसे अड़चनें दूर नहीं हो सकती
कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज व आशुतोष मुखर्जी कॉलेज में वोकेशनल कोर्स भी चलता है. दोनों कॉलेज व वोकेशनल कोर्स तीन शिफ्ट में चलता है. जानकार बताते हैं कि यह कॉलेज सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है. ऐसे में क्या जिन कॉलेजों में बीएड के लिए अलग बिल्डिंग या बुनियादी सुविधाएं अड़चन बनी हुई हैं, वहां श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज की तरह बीएड कोर्स के लिए पहल नहीं की जा सकती.

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