कोच्चि : केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्तमान अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को पूरी तरह से गड़बड़ बताया और राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों से वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) सुधारों को लागू करने में सहयोग करने को कहा. जेटली ने कहा, ‘यह पूरी तरह गडबड है क्योंकि कोई कच्चे माल को उपजाता और उसका निर्माण करता है, वह उसे दूसरे राज्य में भेजता है. वह वैट चुकाता है. जब वह किसी लोकप्रिय शहर में पहुंचता है, तो वह ऑक्ट्राई चुकाता है. वह अब मूल्य संवर्धन करते हैं. मूल्य संवर्धित उत्पाद पर फिर कर लगेगा.’
उन्होंने कहा, ‘और यह सिलसिला चलता रहता है, जब यह उपभोक्ता को भेजा जाता है चार गुना बढ जाता है. हर बार जो कर चुकाया जाता है उसपर अगले जंक्शन पर फिर कर चुकाना पडता है. ऐसे में कर पर भी कर चुकाना पडता है. ऐसे में एक उत्पाद जिसका मूल्य ‘एक्स’ है अब ‘एक्स’ जमा ‘वाई’ हो जाता है.’
केरल के वित्त मंत्री और प्रदेशों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष के. एम. मणी पर आधारित पुस्तक ‘के एम मणी, ए स्टडी इन रीजनलिज्म’ का विमोचन करने के दौरान जेटली ने उपरोक्त बातें कहीं.
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