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किसी बूथ पर नहीं होगी बिहार पुलिस की तैनाती
केंद्रीय पारा मिलिटरी फोर्स के जवान ही तैनात किये जायेंगे सभी 62 हजार 779 बूथों पर पटना : इस बार सूबे का विधानसभा चुनाव काफी मायने में बेहद अलग होगा. सुरक्षा के इंतजाम अभूतपूर्व होंगे. इसके लिए तमाम तैयारी तकरीबन अंतिम दौर में पहुंच चुकी है. इस बार राज्य में किसी भी बूथ पर बिहार […]
केंद्रीय पारा मिलिटरी फोर्स के जवान ही तैनात किये जायेंगे सभी 62 हजार 779 बूथों पर
पटना : इस बार सूबे का विधानसभा चुनाव काफी मायने में बेहद अलग होगा. सुरक्षा के इंतजाम अभूतपूर्व होंगे. इसके लिए तमाम तैयारी तकरीबन अंतिम दौर में पहुंच चुकी है. इस बार राज्य में किसी भी बूथ पर बिहार पुलिस के जवानों की तैनाती नहीं होगी. राज्य के सभी 62 हजार 779 बूथों पर केंद्रीय पारा मिलेट्री फोर्स (सीपीएमएफ) के जवान ही तैनात किये जायेंगे.
चुनाव के दौरान बिहार पुलिस की ड्यूटी पेट्रोलिंग और अन्य तरह के बाहरी कार्यों में ही लगाया जायेगा. पिछली चुनाव में 80 फीसदी बूथों पर ही सीपीएमएफ की तैनाती की गयी थी. इस बार पहली बार चुनाव में 100 फीसदी बूथों पर सीपीएमएफ की तैनाती की जा रही है.
किन-किन बूथों पर कितने केंद्रीय फोर्स की तैनाती की जायेगी, इस पर पुलिस महकमा अंतिम दौर का मंथन कर रहा है. अलगे सप्ताह तक पूरी रणनीति तैयार कर ली जायेगी. अगले सप्ताह राज्य के डीजीपी पी के ठाकुर की केंद्रीय पारा मिलेट्री फोर्स के प्रमुखों से बैठक हो सकती है.
बिहार में चुनाव की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए केंद्र की तरफ से सीपीएमएफ देने में बीएसएफ, एसएसबी और अन्य आर्मी विंग की कंपनियों की तैनाती की अनुमति मिल गयी है. खासकर बेहद संवेदनशील या नक्सल प्रभावित बूथों पर बीएसएफ, आईटीबीएफ जैसे आर्मी विंगों की तैनाती की जायेगी.
आर्मी विंग की इन कंपनियों की तैनाती के बाद यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस बार सीआइएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) की तैनाती बिहार चुनाव में नहीं की जाये. हालांकि चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों और पुलिस आला कमान के साथ अगले सप्ताह होने वाली विशेष बैठक के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पायेगी.
रोजाना होगी सभी एसपी के साथ वीसी
आचार संहिता की घोषणा होने के तुरंत बाद पुलिस महकमे ने सूबे में शांतिपूर्ण चुनाव कराने और हर पल की गतिविधि पर नजर रखने के लिए पुलिस महकमे में एक खास चुनाव सेल का गठन कर दिया गया है. इसके अलावा रोजाना सभी जिलों के एसपी के साथ पुलिस विभाग के डीजीपी या एडीजी स्तर के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) करेंगे.
इसमें सभी जिलों से रोजाना की प्रगति रिपोर्ट ली जायेगी. यह रिपोर्ट अपराधियों के गिरफ्तारी की स्थिति, तमाम तरह के अपराध का ब्यौरा, अवैध हथियार और शराब समेत अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर ली जायेगी.
गुण-दोष पर जमा होंगे हथियार
डीजीपी पीके ठाकुर ने बताया कि चुनाव के दौरान सिर्फ वहीं लाइसेंसी हथियार जमा किये जायेंगे, जिनके ऑनर या संबंधित लोगों पर किसी तरह का आरोप या मुकदमा है. चुनाव में अगर पुलिस को लगता है कि किसी के पास हथियार रहने से चुनावी कार्य प्रभावित हो सकता है, तो उनसे हथियार जमा कराया जा सकता है.गुण-दोष के हिसाब से ही लाइसेंसी हथियार जमा कराये जायेंगे. सभी लाइसेंसी हथियार को जमा नहीं कराया जायेगा.
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