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रोम : जहां इतिहास बोलता है…

– हरिवंश – जुलाई आरंभ में यात्रा की सूचना मिली, तो गोथे का कथन याद आया, मेरे मित्र, आप कुछ जानना चाहते हैं, तो यात्रा करिए. फ्रांस के अनातोले ने कहा कि किताबों से इंसान कुछ न कुछ सीखता तो है ही, पर सबसे अधिक वह यात्राओं से ही सीखता-जानता है. वह भी यात्रा रोम […]

– हरिवंश –
जुलाई आरंभ में यात्रा की सूचना मिली, तो गोथे का कथन याद आया, मेरे मित्र, आप कुछ जानना चाहते हैं, तो यात्रा करिए. फ्रांस के अनातोले ने कहा कि किताबों से इंसान कुछ न कुछ सीखता तो है ही, पर सबसे अधिक वह यात्राओं से ही सीखता-जानता है.
वह भी यात्रा रोम की. 1921 में आल्डोअस हक्सले ने लिखा, क्या जगह है. अंदर और बाहर से प्रेरित करनेवाली. रोम, इटली का खूबसूरत और आश्चर्य में डालने वाला शहर, लुभानेवाला शहर. रोम, जो जलाया गया, बार-बार नष्ट किया गया, लूटा गया, जीता गया, जिसे कब्जा किया गया.
वही रोम, जहां के प्राचीन अवशेष राजमहल, स्मारक, क्रूरता की, भ्रष्टाचार की, सौंदर्य की, बहादुरी की, सृजन की, गाथाओं से भरे हैं. चप्पे-चप्पे. रोम की सभ्यता ! जिसका गौरव, कीर्ति और यश, अपयश दुनिया में गूंजा. जो सभ्यता 800 वर्षों तक चली. 753 बी.सी. में स्थापित हुई. 510 बी.सी. में रोम रिपब्लिक (गणतंत्र) बना. लगातार फैला. जूलियस सीजर की हत्या तक. ब्रिटेन से मेसोपोटामिया तक. कैस्पियन सागर तक. पहले सम्राट थे, कोसेस्टाइन जो क्रिश्चियन बने. ए.डी. 476 में इस रोमन साम्राज्य का पश्चिमी खत्म हआ. पूरब का साम्राज्य बना रहा.
प्राचीन रोम की सभ्यता, सबसे पहले मौजूदा इटली में फैली. फिर यूरोप के बड़े भाग में. फिर पश्चिम-पूर्वोत्तर इलाके में. उत्तरी अफ्रीका तक. पूरे पश्चिमी यूरोप को प्रभावित किया. इटली की धरती जहां रेनेसां (पुनर्जागरण) की रोशनी फूटी, जिसने पूरी दुनिया के सोच, जीवन, कला, साहित्य, आर्किटेक्ट, कानून, इंजीनियरिंग, वैज्ञानिक दृष्टि, सब कुछ प्रभावित किया.
रोम, जिसके नाम से ही बचपन से सुने प्रसंग जेहन में उभर आये. रोम, जहां स्पार्कट्‌स का उदय हआ. वह पहला गुलाम जिसने मनुष्य की गुलामी के जंजीर तोड़े. रॉबर्ट फास्ट की स्पार्कट्‌स पुस्तक के वे रोमांचक प्रसंग, वे जगहें, जिन्होंने मानव सभ्यता को नयी गरिमा दी.
रोम, जिसे इकबाल के मशहूर नज्म से सुना. कैसे रोम और यूनान जहां से मिट गये. वही रोम, जहां के नीरो का प्रसंग एक मिथक और प्रतीक बन गया है, शासकों के कामकाज का. रोम जल रहा था, नीरो बांसुरी बजा रहा था. वही रोम, जहां के मशहूर ट्राजन युद्ध की कहानियां बचपन में सुनने को मिलीं.
हालांकि जी-8 और जी-6 बैठक जहां हो, वहां घूमना कठिन है. सुरक्षा, चौकसी. फिर भी भारत के प्रधानमंत्री की टीम में होने के लाभ हैं. रोम शहर हमने देखा. सात पहाड़ियों पर बसा पुराना शहर. पुराने चर्च, महल, भावशेष, सेंट पीटर्स का विश्व प्रसिद्ध चर्च, भव्य राज प्रासाद, राजघराने और पुराने चर्च. जहां फासिस्ट मुसोलिनी का उदय हुआ, जहां गारीवाल्दी मेजनी हुए.
जो रोम 1870 में इटली की राजधानी बना, जहां 1929 में वेटिकन सिटी को सार्वभौम स्टेट का दर्जा मिला. रोम के श्रीमानों के किस्सों को याद दिलाते जहां पग-पग पर स्मारक हैं. वहां इटालियन स्वर हमेशा एकरस मिलेंगे. बोलते हुए पूरा मुंह खोलना पड़ता है. ए का उच्चारण आ, ई का ऐ, आई का ई, यू का ऊ. इस भाषा में ट वर्ग नहीं है, पर अंग्रेजी बोलते शायद ही कोई रोमन मिले. शहर रोम चित्रों से भरा है.
हजारों मध्यकालीन महल हैं. इटली के प्रसिद्ध देशभक्त गारीवाल्दी की ऊंची मूर्ति है. विया दांते में अमेरिका का पता लगानेवाले प्रसिद्ध कोलंबस का घर भी. छोटा घर. राष्ट्रीय धरोहर. दूर-दूर से लोग आते है. उस बेकार नौजवान ने वह काम किया, जिससे संसार में कायापलट हुआ.
यह वह शहर है, जहां के बारे में वजनिया वुल्फ ने लिखा, मैं चाहती हूं कि मुझे यहां रहने की इजाजत मिले. हमेशा-हमेशा के लिए. जहां किसी अन्य आत्मा को देखने की जरूरत न हो, यानी यहां की खामोशी, अतीत, गौरव , पीड़ा, सबसे आत्म साक्षात्कार का अवसर मिले. जहां के बारे में चार्ल्स डिकेंस ने लिखा, जिसकी भव्यता, गौरव की कोई कल्पना नहीं कर सकता.
जी-8 और जी-6 की बैठक में रोम आना हुआ. दुनिया की अर्थव्यवस्था के नब्बे फीसदी भाग को संभालनेवाले शासक (आधुनिक सम्राट) इस ऐतिहासिक शहर में थे. अपनी विशिष्टता, ताकत, पहचान के साथ. इतिहासकार कहते हैं कि रोम जैसा पुराना साम्राज्य इसलिए भी खत्म हुआ, क्योंकि उसने कॅनविक्शन (दृढ़वसूल) की जगह कनवीनीयेंस (सुविधा, आरामतलवी) को चुना.
क्या मौजूदा सभ्यता और इसके शासक इसके पुराने नगर से इतिहास का यह सबक लेकर लौटें कि जिस सभ्यता ने भी सुविधा, भोग, भौतिक सुख को चुना, मूल्यों की कीमत पर, आदर्श की कीमत पर, वह दुनिया से मिट गया.
दिनांक : 02-08-2009

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