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BSF के साथ वार्ता के लिए आज आयेंगे पाक रेंजर्स के अधिकारी, साथ नहीं आयेंगी पत्नियां

नयी दिल्ली : पाकिस्तानी रेंजर्स और भारतीय सीमा सुरक्षा बल के बीच बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय वार्ता गुरूवार से शुरू होगी इसके लिए पाकिस्तानी रेंजर्स का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल आज दिल्ली पहुंचेगा. यह बातचीत 12 सितंबर तक दिल्ली के बीएसएफ मुख्यालय में चलेगी. दो साल में एक बार होने वाली इस मीटिंग से किसी को बहुत […]

नयी दिल्ली : पाकिस्तानी रेंजर्स और भारतीय सीमा सुरक्षा बल के बीच बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय वार्ता गुरूवार से शुरू होगी इसके लिए पाकिस्तानी रेंजर्स का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल आज दिल्ली पहुंचेगा. यह बातचीत 12 सितंबर तक दिल्ली के बीएसएफ मुख्यालय में चलेगी. दो साल में एक बार होने वाली इस मीटिंग से किसी को बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं दिख रही है. आपको बता दें कि पाकिस्तान के अड़ियल रवैये की वजह से पिछले महीने के अंत में होने वाली एनएसए स्तर की बातचीत रद्द हो चुकी है जिसके बाद इस वार्ता के भी सकारात्मक परिणाम निकलने की उम्मीद नहीं जतायी जा रही है.

उल्लेखनीय है कि पिछली बार दोनों मुल्कों की सरहदों की रखवाली करने वाली फोर्स के बीच बातचीत 24 से 28 दिसंबर 2013 को हुई थी. यह वार्ता लाहौर में हुई थी. बातचीत के लिए पाकिस्तान रेंजर्स का उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मंडल बुधवार को दिल्ली पहुंचेगा. इस बार पाकिस्तानी बल के वरिष्ठ अधिकारियों की पत्नियां अपने पतियों के साथ नहीं आयेंगी. इससे पहले आती रही हैं.

पाकिस्‍तान रेंजर के महानिदेशक मेजर जनरल उमर फारूक बुर्की के नेतृत्‍व में पंद्रह सदस्‍यीय प्रतिनिधिमंडल आयेगा. भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्‍व सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक देवेन्‍द्र कुमार पाठक करेंगे. इस बैठक में संघर्ष विराम के उल्लंघन, तस्करी और कच्छ के रण में घुसपैठ जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी.

इधर, वार्ता की पूर्व संध्या पर पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस्लामाबाद के साथ बातचीत के लिए शर्तें थोपना चाहते हैं जबकि पाकिस्तान एजेंडा में कश्मीर मुद्दे को शामिल किए बिना किसी भी बातचीत को स्वीकार नहीं करेगा. समाचार चैनल ‘डॉन न्यूज’ के अनुसार अजीज ने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान विरोधी बुनियाद पर चुनाव लडा और अब पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए शर्तें थोपना चाहते हैं लेकिन हम इसे स्वीकार नही करेंगे और इस बात से नई दिल्ली को पहले ही अवगत करा दिया गया है.’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी ‘भारतीय दुस्साहस’ का ‘माकूल जवाब’ दिया जाएगा.

अजीज ने पिछले महीने कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत भारत के अडियल रवैये के कारण रद्द हुई क्योंकि नई दिल्ली ने कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर मुद्दे के एजेंडा में शामिल हुए बिना भारत के साथ कोई बातचीत सफल नहीं हो सकती.’’ पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने पाकिस्तान में दाऊद इब्राहीम की मौजूदगी से जुडे भारतीय आरोपों को खारिज किया और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की नीति पहले दिन से ही पाकिस्तान विरोधी है. अजीज का यह बयान सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान रेंजर्स के महानिदेशकों की बातचीत से एक दिन पहले आया है. दोनों के बीच आज नई दिल्ली में बातचीत होनी है.

अजीज ने कहा कि पाकिस्तान डीजी स्तर की पांच दिवसीय बातचीत में नियंत्रण रेखा पर भारतीय जवानों की ओर से ‘अकारण गोलीबारी’ का मुद्दा उठाएगा. उन्होंने कहा कि यह बैठक उफा घोषणापत्र का हिस्सा है जब दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने मुलाकात की थी और एक दूसरे से संपर्क को लेकर कई कदम उठाने पर सहमति जताई थी. अजीज ने कहा, ‘‘इस बैठक का मकसद नियंत्रण रेखा और कामकाजी सीमा पर तनाव कम करना है. 2003 के संघर्ष विराम समझौते के क्रियान्वयन का मुद्दा इस बैठक में उठाया जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमले की भारतीय धमकियों के दबाव में नहीं आएगा. इस बीच, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के विशेष सहायक तारिक फातमी ने चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ से कहा कि अगर नई दिल्ली ‘पूर्व शर्तों’ पर जोर देगा तो भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत नहीं होगी.

फातमी ने कहा, ‘‘एनएसए स्तर की बैठक से पहले भारतीयों ने इसको लेकर शर्त रख दी कि किस पर चर्चा की जा सकती है और किससे मिलना चाहिए और किससे नहीं मिलना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह अंतरराष्ट्रीय चलन के खिलाफ है. पाकिस्तान और भारत के बातचीत के इतिहास में पहले कभी भी शर्तें नहीं रखी गईं. अगर भारत बातचीत से पहले शर्तों पर जोर देता है तो बातचीत नहीं हो सकती.’’ भारत का नाम लिए बगैर फातमी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान को खतरा हमारे पडोसी देश से है.’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने स्पष्ट किया है कि भारत-पाकिस्तान समस्याओं का समाधान सिर्फ बातचीत की प्रक्रिया के जरिए हो सकता है.

फातमी ने कहा, ‘‘हम भारत के साथ किसी भी समय, किसी भी स्थान पर, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय स्तर पर बातचीत की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए तैयार हैं. हम इसके लिए भी तैयार हैं कि संयुक्त राष्ट्र इसमें भूमिका निभाए. हम तैयार है कि इसमें महासचिव (संरा) भूमिका निभाएं.’’ इस खबर के बारे में पूछे जाने पर कि पाकिस्तान एक साल में 20 परमाणु बम तैयार कर रहा है और अगले दशक में दुनिया की तीसरी सबसे बडी परमाणु शक्ति बन सकता है, उन्होंने कहा कि पश्चिमी मीडिया ने पाकिस्तान और चीन के खिलाफ नकारात्मक खबरें फैलाई हैं. चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरिडोर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह एक परियोजना है जिसमें कई साल और कई अरब डॉलर लगेंगे.’’

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