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अपने कार्य में पारदर्शिता बरतें विज्ञापन एजेंसियां : सुशील मोदी
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री में अगर नैतिकता है तो बतायें कि राज्य में उनकी तस्वीर वाले जो हजारों होर्डिंग्स लगाये गये हैं उसकी फंडिंग करने वाली एजेंसी को इतना पैसा कहां से आ रहा है. इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी कंसलटिंग प्रा़ लि़ […]
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री में अगर नैतिकता है तो बतायें कि राज्य में उनकी तस्वीर वाले जो हजारों होर्डिंग्स लगाये गये हैं उसकी फंडिंग करने वाली एजेंसी को इतना पैसा कहां से आ रहा है.
इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी कंसलटिंग प्रा़ लि़ का चार माहपहले मात्र एक लाख रुपये की आधार पूंजी से पंजीकरण हुआ है. वह पूरे बिहार में 2500 स्थानों पर 25 लाख वर्गफुट जगह आरक्षित कर होर्डिंग्स लगाने वालों को करोड़ों का भुगतान कर रही है. इस कंपनी का जदयू का प्रचार कर रहे प्रशांत किशोर से क्या संबंध है.
‘बढ़ चला बिहार’ अभियान का काम जदयू के प्रचार की कमान थामे प्रशांत किशोर से जुड़े एनजीओ और प्रचार एजेंसियों को सौंपे गये, जिन्होंने सरकार से करोड़ों का भुगतान लेकर उसका उपयोग जदयू के चुनाव प्रचार के लिए किया.
इसी प्रकार एडवरटिजमेंट वेलफेयर एसोसिएशन, बिहार जिससे जदयू के एक बड़े नेता जुड़े हैं पर दबाव डाल कर यूनीपोल पर होर्डिंग्स लगाने का काम निविदा की शर्तों का उल्लंघन कर दिया गया ताकि जदयू को लाभ पहुंचाया जा सके.
दरअसल हताश, निराश हो चुके नीतीश कुमार सरकारी पैसे से अपना प्रचार कर बिहार की जनता के साथ धोखधड़ी कर रहे हैं.
क्या बढ़ चला बिहार के प्रचार में लगी एजेंसियों पर ही दबाव डाल कर ये सभी होर्डिंग्स नहीं लगवाये गए थे जिन पर अब रातोंरात जदयू के नाम वाले स्टीकर चिपकाये गए है. अगर ये सारे होर्डिंग्स जदयू की ओर से लगाये गए थे तो उनपर जदयू का नाम और चुनाव चिन्ह क्यों नहीं था.
कल तक जदयू इन होर्डिंग्स को पार्टी का मानने से इनकार क्यों कर रहा था. सरकार अब तक यह स्पष्ट क्यों नहीं कर पाई है कि बढ़ चला बिहार अभियान की पीआर एजेंसी से जदयू का प्रचार कर रही एजेंसी का क्या संबंध है.
उन्होंने कहा कि एडवरटाइजिंग कंपनियां अपने कार्य-व्यवहार में पारदर्शिता बरतें वरना आने वाले दिनों में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
भाजपा की ओर से आयकर व सेवा कर विभाग को पत्र लिख कर अन्य प्रचार एजेंसियों के साथ इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी कंसलटिंग प्रा़ लि. की जांच की मांग की जायेगी वहीं भाजपा गठबंधन की सरकार बनने पर इनके खाते व लेन-देन को भी खंगाला जा सकता है.
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