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चिप बतायेगा मधुमक्खियों की सेहत
मधुमक्खियों की सेहत पर नजर रखनेवाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर हनी बी हेल्थ से दुनिया के कई देशों के शोधकर्ता जुड़े हैं. वे चिप वाले प्रयोग से मधुमक्खियों की मौत के कारण पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. रिसर्चरों ने मधुमक्खियों की पीठ पर 2.5 मिलीमीटर बड़ी और 5.4 मिलीग्राम वजन की माइक्रोग्राम […]
मधुमक्खियों की सेहत पर नजर रखनेवाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर हनी बी हेल्थ से दुनिया के कई देशों के शोधकर्ता जुड़े हैं. वे चिप वाले प्रयोग से मधुमक्खियों की मौत के कारण पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. रिसर्चरों ने मधुमक्खियों की पीठ पर 2.5 मिलीमीटर बड़ी और 5.4 मिलीग्राम वजन की माइक्रोग्राम चिप लगायी है.
ऑस्ट्रेलिया की एक सरकारी शोध संस्था के शोधकर्ता गैरी फिट के हवाले से ‘डॉयचे वेले’ में बताया गया है कि एक छोटे से कीट पर काफी बड़ी सी लगनेवाली इस चिप का वजन असल में इन मधुमक्खियों द्वारा आम तौर पर इकट्ठा किये जाने वाले परागकणों के बोझ से बहुत ज्यादा नहीं है. ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया द्वीप पर करीब 10,000 मधुमक्खियों और छत्तों पर रिसर्चरों ने खास सेंसर लगाये हैं. सेंसरों से लैस होने के कारण मधुमक्खियों की गतिविधियों पर निगरानी रखना और उससे जुड़े आंकड़े इकट्ठा करना संभव हो पाता है.
मधुमक्खियां कितनी बार क्या खाती हैं, पराग कब और कैसे इकट्ठा करती हैं, इससे जुड़ा सारा डाटा वैज्ञानिकों को सौंपा जायेगा. इससे यह भी पता चल सकेगा कि वे अपने छत्तों में क्या और कब करती हैं. दुनियाभर से लगातार मधुमक्खियों के झुंडों के खत्म होने की चिंतित करनेवाली खबरें आ रही हैं. इस प्रयोग से इसका कारण पता लगाया जा रहा है. रिसर्चर गैरी फिट बताते हैं कि मधुमक्खियों पर बाहरी चीजों से होनेवाले असर को इस प्रयोग के जरिये बहुत जल्दी समझा जा सकेगा.
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