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जुलाई 2014 से OROP लागू, पूर्व सैनिक सारी मांगें नहीं माने जाने से नाराज
नयी दिल्ली : रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज पहली जुलाई 2014 से ओआरओपी लागू करने का एलान किया. उन्होंने कहा कि यह सुविधा वोलंटियरी रिटायरमेंट करने वालों पर लागू नहीं होगी. उन्होंने हर पांच साल में पेंशन की समीक्षा करने की बात कही. रक्षामंत्री के इस एलान के बाद सैन्य कर्मियों ने कहा है कि […]
नयी दिल्ली : रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज पहली जुलाई 2014 से ओआरओपी लागू करने का एलान किया. उन्होंने कहा कि यह सुविधा वोलंटियरी रिटायरमेंट करने वालों पर लागू नहीं होगी. उन्होंने हर पांच साल में पेंशन की समीक्षा करने की बात कही. रक्षामंत्री के इस एलान के बाद सैन्य कर्मियों ने कहा है कि हमारी सभी मांगें नहीं मानी गयी हैं, लेकिन अभी हम वार्ता करेंगे. एक सैन्य कर्मी ने कहा कि हमने पूरी नहीं 80 प्रतिशत जीत हासिल कर ली है.
रक्षामंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन के लिए 500 करोड रुपये वार्षिक खर्च होने का अनुमान लगाया था, लेकिन यह खर्च आठ से दस हजार करोड रुपये होगा. आने वाले दिनों में इसमें वृद्धि होने पर यह खर्च और बढेगा. रक्षामंत्री ने कहा है कि चार किश्तों में एरियर के रूप में लागू तारीख से पेंशन की राशि सैन्य कर्मियों को दी जायेगी.रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने एक सदस्यीय न्यायिक समिति बनाने का एलान किया, जो बाकी बचे मुद्दों पर विचार कर छह महीने में रिपोर्ट देगी.
सैनिकों के नेता जनरल सतबीर सिंह ने इस फैसले के बाद मीडिया से खुशी तो प्रकट की, लेकिन कई बिंदुओं पर असहमति प्रकट करते हुए आगे भी संघर्ष करने का एलान किया. उन्होंने कहा कि हमारे 40 प्रतिशत सैनिक वोलिंटयरी रिटायर्ड होते हैं, अत: उन्हें भी यह सुविधा मिलनी चाहिए और हमने इस मांग पर कायम हैं. सतबीर सिंह ने सरकार द्वारा इस मुद्दे पर बनायी गयी एक सदस्यीय न्यायिक कमेटी को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि जिन्हें हमारे बारे में कुछ पता नहीं है, वे हमारे बारे में छह महीने में क्या निर्णय लेंगे.हमारा एक ही प्वाइंट स्वीकार किया है, छह को खारिज किया है. उन्होंने यह भी कहा कि साढे 11 बजे जो उनसे बात हुई, उस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा.उन्होंने कहा कि हम भूख हडताल तोडने पर आज शाम बैठक कर निर्णय लेंगे.
वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे पूर्व सैनिकों व सरकार के बीच सहमति बनने की संभावना आज उस समय बढ गयी, जब सैन्य कर्मियों के अगुवा व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के बीच आज बैठक हुई. रक्षा मंत्री से मिलने के बाद पूर्व सैनिकों के नेता जनरल सतबीर सिंह ने मीडिया से कहा था कि सरकार ने हमारी मांग मानी है, पर हमारा उनके बयान को बाद होगा.
वहीं, कुछ पूर्व सैनिकों ने इस निर्णय पर खुशी प्रकट की और जंतर-मंतर पर मिठाइयां बांटी व नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे लगाये.
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