नयी दिल्ली : सरकार ने लंबे समय से चली आ रही वन रैंक, वन पेंशन (ओआरओपी) की मांग को आज स्वीकार कर लिया, लेकिन आंदोलन कर रहे पूर्व सैन्यकर्मियों ने इस फैसले के प्रमुख ब्यौरों को खारिज करते हुए कहा कि उनका 84 दिनों से चला आ रहा आंदोलन जारी रहेगा.पूर्व सैनिकों के विरोध को देखते हुए रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर एक बार फिर उनसे वार्ता करेंगे और उन्हें यह समझाने की कोशिश करेंगे कि उनके जिन प्रस्तावों पर विचार नहीं किया गया है, उसे भविष्य में समिति की सिफारिश के आधार पर देखा जायेगा.
सरकार के प्रस्ताव से असहम पूर्व सैनिकों ने अपना आंदोलन जारी रखते हुए 12 सितंबर को अपनी मांगों के पक्ष में रैली करने का निर्णय लिया है. पूर्व सैनिक हवलदार मेजर सिंह ने कहा है कि 70 प्रतिशत सैनिक वोलिंटियरी रिटायर होते हैं और उनके लिए सरकार ने कोई वादा नहीं किया है. ऐसे में हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे और 12 सितंबर को रैली करेंगे. वहीं पूर्व सैनिकों के नेता सतबीर सिंह ने कहा है कि हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे. वहीं, एक पूर्व सैनिक कर्नल पुष्पेंद्र ने कहा है कि मोदी जी विदेश यात्रा में बिजी हैं, उन्होंने हमें अच्छे दिन का वादा किया था, लेकिन हमें लगता है कि उनके सत्ता में आने के बाद हमारे बुरे दिन आ गये हैं.