पटना : हिंदुस्तानी अवाम मोरचा सेक्यूलर के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नीतीश मिश्र ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हताशा में बेबुनियाद बयान दे रहे हैं. नीतीश कुमार का ये कहना तथ्यों से परे है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी जी को पार्टी से निकालने का फैसला भाजपा के साथ उनकी नजदीकियां बढ़ने के कारण लिया गया. सच ये है कि भाजपा से नहीं, बल्कि मांझी जी के जनहित के फैसलों के कारण बिहार की जनता से उनकी नजदीकी तेज़ी से बढ़ रही थी.
इससेघबराकर नीतीश कुमार ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाया था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान पर जारी अपनी प्रतक्रिया में कहा कि पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को तो आज तक ये बताया ही नहीं गया कि उन्हें हटाने का फैसला क्यों और किस आधार पर लिया गया.
नीतीश कुमार ने पहले ये कहा था कि मांझी जी निजी एजेंडे पर काम कर रहे हैं, लेकिन कौन से फैसलों को वो निजी एजेंडा बता रहे थे इसपर कुछ नहीं कहा.
मांझी सरकार के जिन फैसलों को नीतीश कुमार जी ने रद्द कर दिया था उनमें से करीब दर्जन भर फैसलों को तो वो खुद लागू या लागू करने का ऐलान कर चुके हैं.
क्या पुलिसकर्मियों को 13 महीने का वेतन देना, नियोजित शिक्षकों के वेतनमान पर कमेटी बनाना, महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण, युवाओं को भत्ता जैसे मांझी सरकार के फैसले नीतीश कुमार ने लागू नहीं किये. जिस विजन को नीतीश जी अगली बार लागू करने का वादा कर रहे हैं उसमें भी मांझी सरकार के फैसलों की ही छाप है.