झारखंड में शिक्षा सुधार की मांग की जा रही है. यह सबके लिए जरूरी भी है. शिक्षा में बदलाव लाकर एक अच्छे समाज का निर्माण किया जा सकता है.
सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयास के बाद भी राज्य में कई ऐसे जिले हैं, जहां की बुनियादी शिक्षा ही धराशायी हो रही है. कहीं शिक्षकों की कमी है, तो कहीं बच्चे कम हैं.
जिन स्कूलों में दर्जनों शिक्षकों की जरूरत है, वहां दो-चार से काम चलाया जा रहा है और जहां दो-चार शिक्षकों की दरकार है, वहां दर्जन भर काम कर रहे हैं. शिक्षकों की इसी विषमता के कारण बच्चों को बुनियादी शिक्षा भी ठीक से नहीं दी जा रही है.
आज जरूरत इस बात की नहीं है कि शिक्षा के प्रसार के लिए योजनाओं का विस्तार किया जाये या फिर नयी योजनाएं शुरू की जायें. जरूरत इस बात की है कि सरकार शिक्षकों की विषमता को दूर करे.
मिथिलेश प्रजापति, गैरमजरूआ, बोकारो