माउंटेन व्यू : गूगल कंपनी इन दिनों एक स्वचालित कार ला रही है. लोगों में इस कार को लेकर काफी जिज्ञासा है. सबसे बड़ी खासियत है कि यह बिना ड्राइवर के चलेगी. लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार गूगल के इस कार में कुछ दोष भी मौजूद है.
पिछले महीने गूगल की स्वचालित कार सड़क पर चल रही थी. जब एक पैदल चलने वाले यात्री को रास्ता देने के लिए गूगल की यह स्वचालित कार धीमी हुई और ब्रेक लगाया तो पीछे से आ रही गाड़ी ने गूगल के इस स्वचालित कार को धक्का दे दिया.
2009 में जब गूगल की एक कार का टेस्ट ड्राइव किया गया तो सड़क में चलने के दौरान रुक गयी, क्योंकि इसका सेंसर दूसरी गाड़ी की इंतजार कर रहा था. इस मौके के फायदा उठाते हुए दूसरी गाड़ी के ड्राइवर ने धीरे-धीरे अपनी गाड़ी को बढ़ाया . इससे गूगल की कार का रोबोट पारालाइज हो गया.
डोनाल्ड नार्मन ,निदेशक डिजायन लैब यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया का मानना है कि स्वचालित कार के साथ सबसे बड़ी समस्या उसका बहुत ज्यादा सुरक्षित होना है.वहीं दूसरे विशेषज्ञ जान ली का कहना है कि इंसान जिस तरह से गाड़ी चलाते वक्त उत्पन्न परिस्थितियों को सुलाझाता है. ड्राइवर प्राय : सड़को पर आइ कनटेक्ट के जरिये और इशारों में अन्य गाड़ियों के ड्राइवर से संवाद करता है .ऐसा कर पाना स्वचालित कार के लिए मुश्किल है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.