मजदूर यूनियन के प्रतिनिधियों ने दावा किया है कि राज्य की चारों कोयला कंपनियों में हड़ताल का व्यापक असर रहेगा. बैंक यूनियनों के प्रतिनिधियों ने दावा किया कि बैंकों पर भी इस हड़ताल का व्यापक असर होगा. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को छोड़ अन्य सभी बैंकों में कामकाज ठप रहने का दावा किया है.
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मजदूर संगठनों ने कसी कमर हड़ताल आज, तैयारी पूरी
रांची : मजदूर संगठनों का देशव्यापी हड़ताल बुधवार को है. दर्जनों सरकारी और गैर सरकारी संगठनों ने मजदूर संगठनों के आह्वान पर आंदोलन में शामिल होने की घोषणा की है. हड़ताल 12 सूत्री मांगों को लेकर की गयी है. मंगलवार को हड़ताल की पूर्व संध्या पर कई संगठनों की ओर से मशाल जुलूस निकाला गया. […]
रांची : मजदूर संगठनों का देशव्यापी हड़ताल बुधवार को है. दर्जनों सरकारी और गैर सरकारी संगठनों ने मजदूर संगठनों के आह्वान पर आंदोलन में शामिल होने की घोषणा की है. हड़ताल 12 सूत्री मांगों को लेकर की गयी है. मंगलवार को हड़ताल की पूर्व संध्या पर कई संगठनों की ओर से मशाल जुलूस निकाला गया. सीसीएल मुख्यालय के सामने सरकार का पुतला दहन किया गया.
मजदूर यूनियन के प्रतिनिधियों ने दावा किया है कि राज्य की चारों कोयला कंपनियों में हड़ताल का व्यापक असर रहेगा. बैंक यूनियनों के प्रतिनिधियों ने दावा किया कि बैंकों पर भी इस हड़ताल का व्यापक असर होगा. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को छोड़ अन्य सभी बैंकों में कामकाज ठप रहने का दावा किया है.
दंडाधिकारी तैनात : जिला प्रशासन ने बुधवार की हड़ताल को देखते हुए दंडाधिकारियों की तैनाती की है. प्रशासन के अनुसार एचइसी में चार, सीएमपीडीआई, सीसीएल और एयरपोर्ट में एक-एक दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त किये गये हैं.
सीसीएल में प्रदर्शन: मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को सीसीएल के प्रशासनिक भवन कक्ष के मुख्य द्वार के सामने प्रदर्शन किया. कर्मियों ने जारी अपील पर विरोध जताया. इससे पूर्व कैंटीन के समक्ष सभा हुई. इसमें शामिल सभी यूनियनों के सदस्यों ने दो सितंबर की हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया.
बैंककर्मी भी आज रहेंगे हड़ताल पर
रांची. बुधवार को राजधानी समेत पूरे राज्य के बैंकों में कामकाज ठप रहेगा. भारतीय स्टेट बैंक को छोड़ कर सभी बैंकों के कर्मी इसमें शामिल होंगे. बैंककर्मियों के सात संगठन हड़ताल में शामिल हो रहे हैं. बंद के समर्थन में मंगलवार को बैंककर्मियों ने रैली निकाली. इसमें बड़ी संख्या में बैंककर्मी शामिल हुए. एसोसिएशन का कहना है कि सरकार बैंक, बीमा, रेल, एयरपोर्ट जैसे क्षेत्रों में निजीकरण को बढ़ावा दे रही है. सरकारी बैंकों में अंशपूजी 51 प्रतिशत से घटा कर 33 प्रतिशत करने का प्रयास कर रही है. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी निजीकरण के मंसूबे को दर्शाता है.
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