लखनऊ : उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीज मुफ्त एक्स-रे के बाद अब मुफ्त अल्ट्रासाउण्ड की सुविधा का भी लाभ ले सकेंगे. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गये फैसलों की जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि उनकी सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी फैसले किये हैं. एक्स-रे की तरह अब मरीजों को अल्ट्रासाउण्ड की सुविधा भी मुफ्त मिलेगी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार निजी अस्पतालों की तरह सरकारी चिकित्सालयों में भी कुछ चिकित्सा यंत्रों को 24 घंटे चलाने पर विचार कर रही है, ताकि रोगियों को हर वक्त सुविधा मिल सके.
प्रारंभ में कुछ जगहों पर 24 घंटे मशीनें चलाने की शुरुआत की जाएगी. अखिलेश ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने हरदुआगंज में 660 अत्याधुनिक बिजली संयंत्र की स्थापना का प्रस्ताव भी पारित किया है. इस परियोजना का बहुत जल्द शिलान्यास किया जाएगा. इसके साथ-साथ एटा के जवाहरपुर में भी बिजली की दो इकाइयां लगाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि पूर्व में सौर ऊर्जा संयंत्रों को लेकर हुई निविदा के सिलसिले में आज कैबिनेट ने फैसला किया है कि आने वाले समय में 215 मेगावाट के संयंत्र लगेंगे.
सरकार की नीति के तहत बडे पैमाने पर निवेश होने वाला है. निविदाकर्ताओं की मर्जी के मुताबिक उन्हें संयंत्र लगाने के लिये जगह दी जाएगी. मंत्रिपरिषद में लिये गये अन्य निर्णयों के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि बहराइच जिले में पयागपुर नाम से नयी तहसील बनेगी. उन्होंने बताया कि इसके अलावा पीसीडीएफ और पराग दुग्ध इकाइयों को बेहतर बनाने का फैसला भी लिया गया है. आने वाले समय में पराग के उत्पाद को बेहतर बनाने तथा प्रतिस्पर्द्धापूर्ण बाजार में उसे खडा करने के लिये ऋण या सरकारी मदद की जाएगी.
इसके अलावा कौन सा उत्पादन कहां पर बेहतर हो सकता है, इस दिशा में भी प्रयास किया जाएगा. अखिलेश ने पूर्वांचल में फैल रहे इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के लिये उठाये जा रहे कदमों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इसके लिये लगातार काम चल रहा है. एक निश्चित मौसम में यह बीमारी तेजी से फैलती है. सरकार ने रोकथाम के लिये निर्देश दिये हैं. इस बीमारी से लडने के लिये दवा का स्टॉक जरुरत पडने पर भिजवाया जाएगा.
उत्तर प्रदेश की 17 पिछडी जातियों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल करने सम्बन्धी सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इसके पक्ष में है. इस सिलसिले में सरकार विधानसभा और मंत्रिपरिषद के जरिये प्रस्ताव पारित कराकर केंद्र सरकार को भेज चुकी है, लेकिन केंद्र ने उस पर अभी कोई कार्रवाई नहीं की है. इन 17 जातियों में कश्यप, निषाद, बिंद, मल्लाह, कहार, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, राजभर, भर, धीमर, बाथम, तुरहा, गौंड, मांझी, केवट तथा मछुआ शामिल हैं. प्रदेश सरकार ने इन जातियों को अनुसूचित जातियों की श्रेणी में शामिल करने सम्बन्धी प्रस्ताव 22 मार्च 2013 को विधानसभा से पारित कराकर केंद्र सरकार के पास भेजा था.