बोकारो: घटवार जाति के लोग बहुत गरीब, अशिक्षित, लेकिन सहनशील होते है. घटवार 1956 तक अनुसूचित जनजाति में शामिल थे. इसके बाद महाजन व राजनीतिक षड्यंत्र के कारण इन्हें अनुसूचित जनजाति के लाभ से वंचित कर दिया. यह बातें घटवार आदिवासी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष सह मुख्य वक्ता काशीनाथ सिंह ने कही.
वह रविवार को मजदूर मैदान सेक्टर चार में घटवार आदिवासी महासभा में बोल रहे थे. कहा : घटवार जाति को अब एक और लड़ाई लड़ना होगी. तभी हमें अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलेगा. इसके लिए हमलोगों को गांव-गांव जाकर पंचायत समिति, प्रखंड समिति के चुनाव के बाद जिला समिति का गठन करना है.
ये थे उपस्थित
कार्यक्रम की अध्यक्षता कल्याणी प्रसाद सिंह व संचालन रामदयाल सिंह ने किया. मौके पर लोकनाथ सिंह, दिगम सिंह, शांति सिंह, रूपलाल सिंह, चिंता देवी, नुनीबाला देवी, कांति देवी, विमला देवी, कार्तिक सिंह, रामेश्वर सिंह, गोविंद सिंह, मनोहर सिंह, जानकी सिंह, विजय घटवार, सुरेंद्र सिंह, परमेश्वर सिंह, कोकिल सिंह, महेंद्र सिंह, गुहीराम सिंह, ठाकुर सिंह, तपेश सिंह, राज किशोर सिंह, शिबू राय आदि उपस्थित थे.
..तो फरवरी 2016 में जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन
श्री सिंह ने कहा : घटवार जाति के लोग अभी भी छोटानागपुर कास्तकारी एक्ट (सीएनटी एक्ट) में शामिल है. घटवार जाति के साथ सरकार छेड़ -छाड़ कर अनुसूचित जनजाति के सूची से बाहर कर दिया है, क्योंकि हमारे जाति से वर्तमान में कोई विधायक या सांसद नहीं है. घटवार जाति के लोग अधिकतर जंगल घाटी व पहाड़ी में निवास करते है. केंद्रीय अध्यक्ष दुर्गा सिंह घटवार ने कहा : घटवार जाति को सरकार अनुसूचित जनजाति के सूची में शामिल नहीं किया, तो आगामी 2016 के फरवरी माह में जंतर-मंतर दिल्ली में धरना-प्रदर्शन किया जायेगा.