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जब तक हक नहीं मिलता लड़ाई जारी रहेगी: हार्दिक पटेल

नयी दिल्ली : पटेल आंदोलन के कन्वेनर हार्दिक पटेल ने आज कहा कि अहमदाबाद की सभा के बाद मारे गये 11 लोगों की हत्या के आरोप में पुलिस अधिकारियों को सेक्शन 302 के तहत सस्पेंड किया जाना चाहिए. हमलोग इसके विरोध में आवाज बुलंद करेंगे और अपनी मांग जारी रखेंगे. हार्दिक ने कहा कि हम […]

नयी दिल्ली : पटेल आंदोलन के कन्वेनर हार्दिक पटेल ने आज कहा कि अहमदाबाद की सभा के बाद मारे गये 11 लोगों की हत्या के आरोप में पुलिस अधिकारियों को सेक्शन 302 के तहत सस्पेंड किया जाना चाहिए. हमलोग इसके विरोध में आवाज बुलंद करेंगे और अपनी मांग जारी रखेंगे. हार्दिक ने कहा कि हम अहिंसा पर विश्‍वास करते हैं. हिंसा को हम नहीं मानते हैं. जो भी हिंसा हुई और उसमें जो नुकसान हुआ वह पुलिस ने किया है. जबतक हमें अपना हक नहीं मिलता हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. केजरीवाल से संबंध के बारे में उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नहीं जानता हूं न ही मेरा उनके साथ कोई संबंध है. केजरीवाल ने जिस पदचिन्ह पर चलकर देश में बदलाव की बयार लायी वह काफी अच्छा था.

इससे पहले रविवार कोगुजरात में पटेल आंदोलन का चेहरा बने हार्दिक पटेल ने रविवार को दिल्ली में कुर्मी , कोएरी और गुर्जर समुदायों के नेताओं से मुलाकात की. इसके बाद प्रेस क्लब में कहा कि सरकारी नौकरियों और शिक्ष ण संस्था नों में पटेलों को आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन का विस्तार दूसरे राज्यों में भी किया जायेगा. इसमें कुर्मियों तथा गुर्ज रों जैसी जातियों को शामिल किया जायेगा. कहा कि गुजरात में जो हुआ, उसे हम राष्ट्रीय स्तर पर ले जाना चाहते हैं. करीब 12 राज्यों के लोग हमारे संपर्क में हैं.

कई नेताओं से मिले

हार्दिक ने अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष पाम प्रसाद चौधरी, अखि ल भारतीय चौधरी अंजाना समिति के अध्यक्ष दीपराम पटेल और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के महासचि व तथा उत्तर प्रदेश के कुर्मी नेता अखिलेश कटि यार के साथ बैठक की. उन्होंने अखि ल भारतीय गुर्जर महासभा के कुछ नेताओं, आरएसएलपी प्रमुख तथा मोदी सरकार में राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा से भी मुलाकात की.

खुदकुशी कर रहे किसान

हार्दिक ने कहा कि गुजरात मॉडल की बहुत बात होती है, लेकिन राज्य में ऐसी कोई भी बात नहीं है. राज्य में 8900 किसान खुदकुशी कर चुके हैं, जो सभी पटेल थे. आज व्यवस्था कमजोर हो गयी है और युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा. किसान खुदकुशी कर रहे हैं और एमबीए डि ग्रीधारी सेल्समैन बन रहे हैं. 182 जातियों को आरक्षण दिया गया, जिनमें से गुजरात में केवल 4-5 जातियां हैं. 1984 में पटेल समुदाय ने (मंडल आयोग के समक्ष) आरक्षण का विरोध किया था.

श्वेतांग का हुआ अंतिम संस्कार

इस बीच, रविवार को अहमदाबाद में कड़ी सुरक्षा के बीच श्वेतांग पटेल का अंति म संस्का र कि या गया, जिसकी पुलिस हिरासत में मृत्यु हो गयी थी. उसे राज्य में हिंसा के बाद हि रासत में लिया गया था. किसी तरह की अप्रिय स्थिति से बचने के लिए 32 वर्षी य श्वेतांग के घर से लीला नगर इलाके में शवदाहगृह तक एक किमी के रास्ते में पुलिस, एसआरपी, आरएएफ व सीआरपीएफ के करीब 600 जवान तैनात थे.

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