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चार माह में पुलिसिया कार्रवाई सुस्त खुलेआम घूम रहे हैं आरोपित
पुलिस की सुस्त कार्रवाई से अपराधियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है, जिससे नित्य नयी आपराधिक घटनाएं सामने आ रही हैं. पुलिस मानो सिर्फ किसी बड़ी घटना के समय ही जगती है और शीघ्र अपराधियों की गिरफ्तारी का दावा करती है लेकिन फिर वहीं पुरानी लापरवाही घर कर जाती है और कार्रवाई का दावा घोषणा […]
पुलिस की सुस्त कार्रवाई से अपराधियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है, जिससे नित्य नयी आपराधिक घटनाएं सामने आ रही हैं. पुलिस मानो सिर्फ किसी बड़ी घटना के समय ही जगती है और शीघ्र अपराधियों की गिरफ्तारी का दावा करती है लेकिन फिर वहीं पुरानी लापरवाही घर कर जाती है और कार्रवाई का दावा घोषणा बन कर रही जाती है. 12 मई को मैरवा में हुए जितेंद्र हत्याकांड में चार माह होने को है. और पुलिस खाली हाथ है फिर चंद दिनों पूर्व व्यवसायी प्रेम की हत्या हो गयी और पुलिस हाथ-पर-हाथ रखे बैठी है. लगता है कि फिर किसी घटना का इंतजार है.
सीवान. बाइक सवार करीब दर्जन भर अपराधियों ने मैरवा के सेवतापुर मालीकान गांव में दिनदहाड़े घर में घुस कर युवक जितेंद्र सिंह उर्फ जीतु सिंह की गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गयी थी और फिर हथियार लहराते हुए फरार हो गये. उसी स्टाइल में सोमवार की रात मैरवा बाजार में प्रसिद्ध व्यवसायी प्रेम कुशवाहा की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी.
मुख्य आरोपित है फरार : हत्याकांड में युवक के पिता रंग बहादुर सिंह के बयान पर कुख्यात राका तिवारी के भाई त्रिभुवन तिवारी, विनोद तिवारी व जय नारायण तिवारी को नामजद किया गया था. उनमें त्रिभुवन तिवारी का आपराधिक इतिहास रहा है और अन्य दो भाई ठेकेदारी करते हैं.
ठेकेदारी के दौरान सड़क निर्माण को लेकर ही जितेंद्र सिंह की हत्या कर दी गयी थी. अन्य आरोपितों में यूपी पिपरा का प्रमोद सिंह, हसनपुरा का असरफी पांडेय, नौतन थाने के पिपरा का बमबम तिवारी व विशुनपुर मैरवा का जय नारायण तिवारी सहित आधा दर्जन अज्ञात को नामजद किया गया था, जिसमें बमबम तिवारी की गिरफ्तारी में पुलिस ने सिर्फ सफलता पायी है और दो अन्य की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. परंतु मुख्य आरोपित खुलेआम घूम रहे हैं और पुलिस उनकी गिरफ्तारी से बच रही है.
पुलिस का दावा रहा खोखला : हत्याकांड के 24 घंटे के अंदर आरोपित बमबम तिवारी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने शीघ्र अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी व कड़ी कार्रवाई का दावा किया था. परंतु पुलिस का दावा खोखला रहा और चार माह बाद भी पुलिस खाली हाथ है और अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं. ऐसे में अपराधियों का मनोबल बढ़ना तो आम बात है. चुनाव के समय जब आपराधिक घटनाएं एवं राजनीतिक वर्चस्व में किसी बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
क्या कहते हैं एसपी
जितेंद्र हत्याकांड में आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया जा रहा है. पुलिस लगातार छापेमारी में जुटी है, परंतु उनकी सीमावर्ती यूपी में छिपे होने की स्थिति में दिक्कतें आ रही हैं. पुलिस टीम लगातार यूपी पुलिस से भी संपर्क में है. शीघ्र ही अपराधी सलाखों के पीछे होंगे.
सौरभ कुमार साह, पुलिस कप्तान, सीवान
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