अहमदाबाद : गुजरात उच्च न्यायालय से सीआईडी जांच के आदेश जारी होने के बाद दो निरीक्षक और एक उपनिरीक्षक समेत नौ पुलिसकर्मियों पर पटेल आरक्षण आंदोलन के दौरान 32 वर्षीय एक व्यक्ति की कथित रूप से हिरासत में मौत को लेकर मामला दर्ज किया गया है. ओबीसी आरक्षण के तहत पटेलों को आरक्षण देने की मांग के समर्थन में उनके आंदोलन की अगुवाई कर रहे हार्दिक पटेल ने आज कहा कि वह कथित रूप से हिरासत में मर गए श्वेतांग पटेल के अंतिम संस्कार में कल शामिल हो सकते हैं और चेतावनी दी कि यदि कुछ हुआ तो सरकार जिम्मेदार होगी.
सहायक पुलिस आयुक्त केडी पांड्या ने कहा कि बापूनगर के पुलिस निरीक्षक पी डी परमार और आरआर वसावा उन नौ पुलिसकर्मियों में शामिल हैं, जिन पर श्वेतांग पटेल की मृत्यु के सिलसिले में मामला दर्ज किया गया है. पांड्या ने कहा, हमने श्वेतांग मौत के मामले में कल देर रात बापूनगर के दो पुलिस निरीक्षकों, एक डी स्टाफ पीएसआई और डी स्टाफ के छह अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. हालांकि श्वेतांग के परिवार के वकील बीएम मांगुकिया ने दावा किया कि प्राथमिकी में हिरासत में कथित रूप से मौत के लिए जिम्मेदार सभी पुलिस अधिकारियों के नाम नहीं हैं.
मांगुकिया ने कहा हमने मांग की थी कि उन सभी लोगों के नाम शामिल हो, जो इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन उन्होंने हमारी कहा के अनुसार प्राथमिकी दर्ज नहीं की और एसीपी समेत कई शीर्ष पुलिस अधिकारियों को छोड दिया. हम इस मामले में निचले स्तर के पुलिस अधिकारियों को बलि का बकरा बनते हुए नहीं देखना चाहते. उन्होंने कहा, हम प्राथमिकी दर्ज कराने के वास्ते करीब पांच घंटे तक थाने में बैठे रहे. यह उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना है और अदालत की अवमानना भी.
श्वेतांग को 25 अगस्त को पुलिस कथित रुप से जबर्दस्ती पकड कर ले गयी थी. श्वेतांग की मां प्रभाबेन पटेल की याचिका के अनुसार उसे पुलिस ने कथित रूप से बुरी तरह पीटा और उसने दम तोड दिया. गुजरात उच्च न्यायालय ने शव का दूसरा अंत्यपरीक्षण करने का आदेश दिया जिसमें सामने आया कि उसकी मृत्यु सिर में गंभीर चोट की वजह से हुई थी. उच्च न्यायालय ने कल कहा था कि प्रथम दृष्टया यह नरसंहार का मामला है. अदालत ने प्रशासन को प्राथमिकी दर्ज करने और सीआईडी जांच करने का भी निर्देश दिया.
इस बीच आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने कहा, कल श्वेतांग पटेल के अंतिम संस्कार में मेरे जाने की संभावना है. जब उनसे पूछा गया कि क्या पटेल समुदाय के सदस्य शवयात्रा के दौरा कोई एहतियाती कदम उठायेंगे, तो उन्होंने कहा कि यदि कुछ हुआ तो सरकार जिम्मेदार होगी. उन्होंने कहा, मैंने अपने बिरादरी के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और वहां यदि कुछ गलत हुआ तो सरकार को जिम्मेदारी लेनी होगी. पच्चीस अगस्त को एक विशाल रैली के बाद हार्दिक को हिरासत में लेने पर राज्यभर में व्यापक हिंसा हुई थी और एक पुलिस कांस्टेबल समेत नौ लोगों की हिंसा में जान चली गयी थी. हार्दिक ने पटेलों को ओबीसी आरक्षण देने की मांग के समर्थन में रैली की थी. कर्फ्यू के बाद 26 अगस्त को राजधानी अहमदाबाद समेत गुजरात के विभिन्न हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया. आज बापूनगर समेत शहर के सभी क्षेत्रों से कर्फ्यू हटा लिया गया. श्वेतांग का कल अंतिम संस्कार हो सकता है.