नयी दिल्ली : वैश्विक शेयर और विदेशी विनिमय बाजारों में पिछले दिनों आई उठापटक के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि 8 से 9 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर के साथ भारत विश्व अर्थव्यवस्था की गाडी के रूप में अग्रणी देश के तौर पर चीन का स्थान ले सकता है. सरकार के सुधार एजेंडा के साथ आगे बढने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुये उन्होंने कहा कि जो निवेशक भारत में निवेश करना चाहते हैं उनके लिये यहां ‘लाल कालीन’ बिछाया गया है. उन्होंने कहा, ‘दुनिया को आर्थिक वृद्धि की प्रक्रिया को आगे बढाने के लिये दूसरे इंजन की जरुरत है. दुनिया में मौजूदा मंदी के दौर में 8 से 9 प्रतिशत वृद्धि हासिल करने वाली भारत जैसी अर्थव्यवस्था के पास ऐसे मजबूत कंधे हैं जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को सहारा दे सकते हैं.’
बीबीसी को दिये साक्षात्कार में जेटली ने कहा कि भारत निवेशकों के लिये एक बेहतर स्थान है और यहां निवेशकों को पिछली तिथि से कानून बनने जैसी आशंकाओं से डरने की जरुरत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘उन लोगों के लिये जो भारत में कारोबार करना चाहते हैं, मेरा संदेश है कि आपका यहां स्वागत है, आपके लिये लाल कालीन बिछा है. भारत को निवेश की जरुरत है, भारत निवेशकों को आमंत्रित करता है और हम निवेशकों के लिये अधिक अनुकूल स्थान बनने जा रहे हैं.’
जेटली ने जोर देकर कहा कि भारत की मौजूदा सरकार पिछली तिथि से कर लगाने जैसा कोई काम नहीं करेगी. भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2014-15 में 7.3 प्रतिशत रही थी और चालू वित्त वर्ष के दौरान इसके 8 से 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. जेटली ने कहा, ‘ऐसे वैश्विक परिवेश जहां मंदी का दौर चल रहा है, उसमें भारत बेहतर गति से आगे बढ रहा है. पिछले वित्त वर्ष में हमने 7.3 प्रतिशत वृद्धि हासिल की और इस साल कुछ और बेहतर करेंगे. अगले साल उम्मीद है कि उससे भी बेहतर होगा. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के अनुसार वर्ष 2015-16 में 7.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि हासिल कर सबसे तेजी से बढने वाली उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत, चीन से आगे निकल जायेगा.
इसके विपरीत चीन की अर्थव्यवस्था में आर्थिक वृद्धि 2014 के 7.4 प्रतिशत से कमजोर पडकर 2015 में 6.8 प्रतिशत और उससे अगले साल और कमजोर पडकर 6.3 प्रतिशत रह जायेगी. रिजर्व बेंक के गवर्नर रघुराम राजन ने हालांकि, कल ही एक कार्यक्रम में चीन की अर्थव्यवस्था के बडे आकार का हवाला देते हुए कहा था कि विश्व अर्थव्यवस्था में तेज गति से आगे बढने के बावजूद भारत को चीन का स्थान लेने में अभी काफी समय लगेगा. जेटली ने कहा, ‘मैं इसे बेहतर अवसर के तौर पर देखता हूं. चीन की सामान्य आर्थिक वृद्धि का स्तर अब बदल गया है. यह अब 9 प्रतिशत, 10 अथवा 11 प्रतिशत नहीं रहा.’
चीन की मुद्रा युआन में पिछले दिनों अचानक अवमूल्यन से चीन के शेयर बाजारों में बिकवाली का दबाव बढ गया जिसका दुनिया के तमाम बाजारों पर असर देखा गया. चीन के बाजारों में आई गिरावट से सोमवार को भारतीय बाजारों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई. रुपया भी इस वैश्विक घटनाक्रम से बुरी तरह प्रभावित हुआ. जेटली ने कहा कि यह भारतीय राजनीति के लिये अवसर और चुनौती दोनों है. उन्होंने कहा, ‘यदि हम तेजी से सुधारों को आगे बढाते हैं और वास्तव में वैश्विक निवेशकों को आकर्षित कर लेते हैं तो फिर हम विश्व अर्थव्यवस्था को वह समर्थन जिसकी उसे जरुरत है काफी बेहतर हो जायेगी.’ उन्होंने कहा कि इसमें चुनौती हर समय बनी हुई है, क्योंकि सरकार को अभी उन वर्गों को संतुष्ट करना बाकी है जहां वृद्धि का लाभ नहीं पहुंच पाया है.
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