अहमदाबाद : हार्दिक पटेल को मंगलवार को हिरासत में लिए जाने के बाद हिंसा फैलने पर अहमदाबाद पुलिस ने रिहा कर दिया. हिंसा की घटना के बादअहमदाबाद के नौ थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है. बीती रात के बाद आज बापूनगर में एक बार फिर हिंसा फैल गयी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की जिसके बाद पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी.अहमदाबाद में 13 साल बाद कर्फ्यू लगाया गया है. पटेल बहुल इलाकों में हिंसा की वारदात ज्यादा देखी गयी. हिंसा के बाद यहां 13 साल बाद सेना को बुलाने की जरुरत पड़ी. हिंसा की घटना न फैले इसके मद्देनजर अहमदाबाद में इंटरनेट सेवा पर भी रोक लगा दी गयी है.
हार्दिक पटेल कोहिरासत में लिये जाने के बाद समर्थकों ने राज्यभर में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया. सूरत में समर्थकों ने बस में आग लगा दी. वहीं अहमदाबाद में दो बाइक फूंकी. सोला पुलिस थाने में आगजनी की गयी. इसे देखते हुए सूरत के दो थाना क्षेत्र में भी कर्फ्यू लगा दिया गया है.प्रदर्शनकारियों ने गुजरात के गृह राज्यमंत्री के घर को भी निशाना बनाया और तोड़फोड़ की.
‘गुजरात बंद’ का आह्वान
पटेल समुदाय के लिए ओबीसी आरक्षण मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के 22 वर्षीय नेता हार्दिक पटेल ने आज गुजरात बंद का आह्वान किया है. हार्दिक ने अपने समुदाय के लोगों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें. उन्होंने कहा कि मैं शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. मैं बुधवार को गुजरात बंद का आह्वान करता हूं.बीती रात व्हाट्सऐप पर हार्दिक ने लोगों से अपील की कि कृपया अफवाह न फैलाएं और शांति बनाए रखें.
गृहमंत्री ने की आनंदीबेन से बात
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात में हिंसा की खबर के बाद मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल से बात की है. उन्होंने गुजरात को हरसंभव मदद का भरोसा भी दिलाया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार गृहमंत्री गुजरात के हालात पर नजर रखे हुए हैं. केंद्र ने आज पैरामिलिट्री फोर्स की 31 कंपनियों को गुजरात के हिंसा प्रभावित इलाकों के लिए रवाना किया है.
आनंदीबेन ने शांति बनाये रखने की अपील की
इधर, हिंसा भड़के के बाद गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन ने आंदोलन कर रहे लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की. अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण दिये जाने की मांग कर रहे पटेल समुदाय के आंदोलन ने मंगलवार को हिंसक रूप ले लिया और शहर के कई हिस्सों में झडपें होने की खबरें हैं जहां पुलिस को हालात को काबू में करने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा और आंसूगैस के गोले छोड़ने पडे़. पटेल समुदाय के सदस्यों और स्थानीय नागरिकों के बीच वदाज, वस्त्रपुर, निकोल और पालदी इलाकों से संघर्ष की खबरें हैं. समुदाय के सदस्यों ने एक बड़ी रैली के बाद अपने नेता हार्दिक पटेल के आह्वान पर बंद कराने का प्रयास किया था तभी संघर्ष हुआ. पुलिस ने कहा कि वदाज इलाके में जब स्कूटरों और बाइकों पर सवार पटेल समुदाय के सदस्यों ने बंद का प्रयास किया तो दलित समुदाय के स्थानीय निवासियों ने इसका विरोध किया और नतीजतन दोनों समुदायों के बीच संघर्ष हुआ और पथराव भी हुआ.
दो समूह आपस में भिड़ गये
शहर नियंत्रण कक्ष के पुलिस निरीक्षक डी आर धमल ने कहा, जब पटेलों और दलितों के दो समूह आपस में भिड़ गये तो पुलिस ने भीड़ पर आंसूगैस के गोले छोडे और लाठीचार्ज किया. धमल ने कहा कि पटेल समुदाय के प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर वदाज पुलिस चौक के पास इलाके में दुकानों और बसों में तोड़फोड़ की और बाद में उनकी दलित समुदाय के लोगों से झडप हो गयी. एक और पुलिस अधिकारी के मुताबिक वस्त्रपुर, पालदी और निकोल इलाकों से भी इसी तरह की खबरें हैं. पटेल समुदाय के युवा बड़ी संख्या में बंद कराने के लिए अपने दोपहिया वाहनों पर शहर की कई सड़कों पर निकले. कुछ स्थानों पर सिटी बसों के शीशे तोडे जाने की भी खबरें हैं.
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गलत तरह से पीटा
प्रदर्शन हिंसक होने के बारे में पूछे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गलत तरह से पीटा. उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार को इसके बुरे नतीजे देखने को मिलेंगे. उन्होंने कहा, पालदी में और वस्त्रपुर में मानसी चौराहे पर पटेल समुदाय के प्रदर्शनकारियों को पीटकर पुलिस ने गलत किया है. उन्होंने कहा, वे शांतिपूर्ण तरीके से रैली निकाल रहे थे तभी पुलिस ने लाठीचार्ज किया. सरकार को अब बुरे नतीजों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए. गौरतलब हो कि ओबीसी कोटा की मांग को लेकर मंगलवार को पटेल समुदाय के लोग विशाल जनसभा का आयोजन किये. जिसमें शामिल होने हजारों की संख्या में लोग सुबह से ही जुटने लगे हैं. इस जनसभा का आयोजन अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में किया गया है. इस विशाल जनसभा को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गये थे. इस रैली में आंदोलन के कन्वेनर हार्दिक पटेल ने भाजपा को मांगे मानने की चेतावनी दी जबकि नीतीश कुमार को अपना बताया.