मुंबई : दलाल पथ पर आज हाहाकार मच गया. बंबई शेयर बाजार में अब तक की सबसे बडी गिरावट में सेंसेक्स 1,624.51 अंक टूट गया जिससे निवेशकों को करीब सात लाख करोड रुपये की पूंजी से हाथ धोना पडा है. चीन के शेयर बाजारों में जोरदार गिरावट का सिलसिला चलने के बीच वैश्विक बाजारों में भी भारी बिकवाली का दौर रहा. कारोबार के दौरान तो एक समय सेंसेक्स 1,741.35 अंक तक टूट गया था. 21 जनवरी, 2008 के बाद यह सेंसेक्स में एक दिन की तीसरी सबसे बडी गिरावट है. हालांकि, वित्त मंत्री अरुण जेटली और रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने किसी तरह के भय को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा कि भारतीय बाजारों का आधार मजबूत है.
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,624.51 अंक या 5.94 प्रतिशत के नुकसान से 25,741.56 अंक पर आ गया. ऊर्जा, बैंकिंग, वाहन, आइटी, बुनियादी ढांचा तथा रीयल एस्टेट सभी वर्गों के शेयरों में भारी बिकवाली का सिलसिला चला. बाजार में जोरदार गिरावट के बीच निवेशकों की पूंजी करीब सात लाख करोड रुपये घट गयी. सभी सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण करीब सात लाख करोड रुपये घटकर 100 लाख करोड रुपये से नीचे 95,33,105 करोड रुपये रह गया.
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी भारी बिकवाली दबाव में 490.95 अंक के नुकसान से 7,809 अंक पर आ गया. एशियाई बाजारों में भी गिरावट का रुख रहा. शंघाई बाजार करीब आठ प्रतिशत के नुकसान के साथ बंद हुआ. शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार भी करीब तीन प्रतिशत नीचे चल रहे थे.
दोपहर का हाल
शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सेंसेक्स जबरदस्त बिकवाली दबाव के कारण दोपहर के कारोबार में 1500 अंक के करीब गिर गया है. सेंसेक्स में दोपहर सवा दो बजे 1499 अंकों की गिरावट दर्ज की गयी. इस बड़ी गिरावट के साथ बीएसइ का प्रमुख सूचकांक 25,867 अंक पर आ गया है. इसी साल 29000 के उपर पहुंचा भारतीय बाजार आज बड़ी गिरावट के कारण 26000 के भी नेचे आ गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस गिरावट पर कहा कि पूरे विश्व में मंदी का असर है. हमारे देश की अर्थव्यवस्था काफी मजबूत है.हम इस स्थिति से जल्द ही निपटेंगे.
उन्होंने कहा कि सरकार और आरबीआई बाजार की गतिविधि पर बारिक नजर रखे हुए हैं. बीएसई के सभी शेयर नुकसान के साथ कारोबार कर रहे हैं. सबसे ज्यादा गिरावट बैंकिंग सेक्टर से शेयरों में देखने को मिल रही है. यही आलम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का भी है. निफ्टी में करीब 6 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा रही है. निफ्टी 473 अंक गिरकर 7,836 अंक पर पहुंच गया है. बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप के शेयर सात से आठ फीसदी टूट गये हैं. उधर इंडियन ऑयल कार्पोरेशन की 10 फीसदी हिस्सेदारी की बोली लगायी जा रही है. दोपहर तक 57 फीसदी से अधिक शेयरों की बोली लगायी जा चुकी है.
भारतीय शेयर बाजार में आज गिरावट की सूनामी देखने को मिली. बीएसई-30 का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में करीब 1000 अंक या तीन फीसदी से ज्यादा गिरावट के साथ खुला. वैश्विक संकेतों के कारण बाजार में इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. सेंसेक्स 854 अंकों की गिरावट के साथ 26,507 अंकों पर कारोबार कर रहा है. इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी सवा तीन फीसदी या 270 अंकों की गिरावट के साथ 8,030 अंक पर पहुंच गया है. मिडकैप और स्मॉलकैप के शेयर भी तीन से चार फीसदी टूटे हैं. छोटेनिवेशकों का बुरा हाल है.हालांकि रिजर्व बैंक के गर्वनर ने कहा है कियह डरने वाली स्थिति नहीं है. विश्व के दूसरे देशों की तुलना में भारत की स्थिति मजबूत है. बाजार में उतार-चढाव का दौर है. जैसे ही बाजार इससे उबरेगा भारत रिकवरी कर लेगा. उन्होंने कहा कि भारत का रिजर्व काफी अच्छा है. उन्होंने निवेशकों को संयम रखने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर हर बड़े बाजार में गिरावट है.
₹ down to 66.49 against the US $ Sensex tanks over 1,000 points.Nifty below 8,000 mark. And PM wants us to believe he is doing a great job !
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 24, 2015
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्विट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि क्या यही भाजपा के अच्छे दिन हैं. सेंसेक्स में इतनी बड़ी गिरावट है और प्रधानमंत्री कहते हैं कि अच्छे दिन आ रहे हैं. बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि विश्व के सभी बाजारों में गिरावट का असर भारतीय बाजारों में देखने को मिल रहा है. चीन में मुद्रा की गिरावट के कारण भी बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है. चीनी मु्द्रा में सुधार नहीं के बराबर है. इस बीच भारतीय मुद्रा में भी भारी गिरावट देखने को मिल रही है. रुपया आज 64 पैसे की गिरावट के साथ खुला और डॉलर के मुकाबले 66.49 रुपये पर आ गया.
शुक्रवार को सेंसेक्स 500 अंक सुधरकर 28000 के ऊपर चला गया था. इसके बावजूद विशेषज्ञों का अनुमान था कि आगामी सप्ताह में बाजार में भारी गिरावट हो सकती है. विशेषज्ञों ने छोटे निवेशकों को अभी बाजार से दूर रहने की सलाह दी है. मुद्रास्फीति में नरमी के रुख के बीच आरबीआइ द्वारा नीतिगत दर में कटौती किये जाने की उम्मीद फिर से जगने से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स शुक्रवार को करीब 518 अंक उछलकर बंद हुआ.
यह सात महीने में किसी एक दिन की सबसे बडी तेजी थी. ब्याज दर के प्रति संवेदनशील रीयल्टी, बैंकिंग और वाहन कंपनियों के शेयरों में जोरदार लिवाली देखी गयी थी. 20 जनवरी के बाद सेंसेक्स में यह सबसे बडी तेजी थी. लेकिन बाजार अपनी तेजी बरकरार रखने में नाकाम रहा और आज 26,500 के स्तर पर पहुंच गया जो साल का सबसे न्यूनत स्तर है.
रघुराम राजन ने कहा, चिंता की बात नहीं, भारत की स्थिति मजबूत है
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने भारतीय बाजार में इस बड़ी गिरावट पर कहा कि यह डरने वाली स्थिति नहीं है. विश्व के दूसरे देशों की तुलना में भारत की स्थिति मजबूत है. बाजार में उतार-चढाव का दौर है. जैसे ही बाजार इससे उबरेगा भारत रिकवरी कर लेगा. उन्होंने कहा कि भारत का रिजर्व काफी अच्छा है. उन्होंने निवेशकों को संयम रखने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर हर बड़े बाजार में गिरावट है.
उन्होंने इस मौके पर कहा कि रिजर्व बैंक सरकार के साथ काम कर रहा है, कुछ अखबार प्रतिकूल खबरें छाप रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति की दर कम होने से विकास को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि वास्तविक ब्याज दरों को 1.5-2 प्रतिशत के बैंड में रखने की जरूरत है. व्यापक आर्थिक कारक नियंत्रण में हैं, हमारे पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा है. सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए एक सेंट्रल बैंक के लिए यह जरूरी है कि वह मांग को आपूर्ति के करीब रखे ताकि मुद्रास्फीति को माडरेट रखा जा सके.
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