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पूरे दिन जाम से कराहता रहा शहर

शहर में बड़ी गाड़ियों के प्रवेश पर रोक नहीं लगना जाम का मुख्य कारण बेगूसराय (नगर) : बेगूसराय शहर शुक्रवार को जाम से कराहता रहा. शहर की चोरों तरफ जाम-ही-जाम का नजारा दिख रहा था. जहां लोग आधा घंटे में अपने मंजिल तक पहुंचते थे, वे दो घंटे में पहुंच रहे थे. सबसे अधिक परेशानी […]

शहर में बड़ी गाड़ियों के प्रवेश पर रोक नहीं लगना जाम का मुख्य कारण
बेगूसराय (नगर) : बेगूसराय शहर शुक्रवार को जाम से कराहता रहा. शहर की चोरों तरफ जाम-ही-जाम का नजारा दिख रहा था.
जहां लोग आधा घंटे में अपने मंजिल तक पहुंचते थे, वे दो घंटे में पहुंच रहे थे. सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को हो रही थी, जो जाम में फंस कर व्याकुल थे.
लोगों का कहना है कि नगर निगम तो बन गया, लेकिन स्थिति गांव से भी बदतर है. नतीजा है कि कई तरह की समस्याएं शहरवासियों के लिए सिरदर्द बनती जा रही हैं.
अतिक्रमण की समस्या हो या फिर नो इंट्री का पालन नहीं होने से जाम से शहर के लोग हलकान हो रहे हैं. बेगूसराय शहर में इस तरह की समस्या कोई नयी बात नहीं. वरना वर्षो से लोग इस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं.
इसके बाद भी इस दिशा में सकारात्मक पहल नहीं होना निगम व जिला प्रशासन की उदासीनता को दरसाता है.शहर में नहीं होता है नो इंट्री का पालन :बेगूसराय शहर में नो इंट्री का पालन नहीं होता है.
नतीजा है कि जिसको जिधर से मन हुआ उस सड़क में बड़ी गाड़ियों का प्रवेश करा कर जाम की समस्या उत्पन्न कर देता है. शहर में अगर बड़ी गाड़ी प्रवेश कर गयी तो फिर जाम का लगना स्वभाविक है.
जाम को हटने में फिर काफी वक्त लग जाता है. नतीजा होता है कि लोगों का जरू री काम व कीमती वक्त बरबाद होता है.वर्षो पूर्व तत्कालीन जिला प्रशासन के द्वारा शहर में नो इंट्री का सख्ती से पालन करवाया जाता था, जिसके चलते निर्धारित समय अवधि में शहर की सड़कों में भारी वाहनों का प्रवेश निषेध रहता था, लेकिन इन दिनों नो इंट्री नाम की कोई चीज नहीं है. स्कूली बस हो या अन्य बड़ा व्यावसायिक वाहन धड़ल्ले से विष्णुपुर रोड, कचहरी रोड में प्रवेश करा दिये जाते हैं.
इससे जाम की स्थिति उत्पन्न होती है और लोग घंटों हलकान होते हैं और इस दौरान बीमार मरीजों को ले जा रहे एंबुलेंस व अन्य आपातकालीन गाड़ियों को निकालने में मशक्कतकरनी पड़ती है.
चट्टी रोड में भी होती है परेशानी :शहर के चट्टी रोड में भी प्रतिदिन लोग जाम की समस्या से जूझते हैं. इसका कारण है कि सड़क के किनारे दुकानदारों के द्वारा अपनी दुकान के सामान को बाहर निकाल देते हैं.
इससे सड़क सिकुड़ जाती है जो जाम का प्रमुख कारण बनता है. इस दिशा में आज तक किसी प्रकार की पहल नहीं की गयी. नतीजा है कि लोगों की परेशानी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.
जीडी कॉलेज रोड में प्रतिदिन लगता है महाजाम :जाम के मामले में अगर सबसे अधिक चर्चित जगह है तो वह है जीडी कॉलेज रोड जहां प्रतिदिन लोग जाम की समस्या से जूझते हैं.
इस जाम का प्रमुख कारण है कि जीडी कॉलेज के समीप एक निजी विद्यालय कार्यरत है. इसमें शहर के अन्य निजी स्कूलों से सबसे अधिक बच्चे पढ़ते हैं.
लेकिन, आज तक उक्त विद्यालय के द्वारा गाड़ी पार्किग के लिए किसी प्रकार की पहल नहीं की गयी है. नतीजा है कि प्रत्येक दिन उक्त विद्यालय की दर्जनों गाड़ियां बीच सड़क पर ही खड़ी रहती हैं.
जैसे ही विद्यालय में छुट्टी होती है जाम इस कदर लग जाता है कि लोगों को पैदल चलने में भी मशक्कत होती है.
कई बार जिला प्रशासन एवं निगम का ध्यान इस दिशामें आकृष्ट कराया गया, लेकिन आज तक इस समस्या से लोगों को निजात नहीं मिल पायी है.
अझौर मध्य विद्यालय में दूसरी कक्षा का छात्र था अंशु
नीमाचांदपुरा : बेगूसराय-वनद्वार-परना पथ थाना क्षेत्र की अझौर पंचायत में शुक्रवार को एक अनियंत्रित वाहन ने रंजीत पंडित के 10 वर्षीय इकलौते पुत्र अंशु कुमार को कुचल दिया, जिससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गयी.
जैसे-जैसे घटना की जानकारी लोगों को मिलती गयी, लोगों की भीड़ घटनास्थल पर पहुंचती रही.जो भी वहां जा रहा था उसकी आखों से आंसू छलक जाते थे. इस हादसे से लोगों के चेहरे पर गम और आक्रोश दिख रहा था. उग्र भीड़ ने बस को पकड़ कर आग के हवाले कर दिया.
चालक भागने में सफल रहा, लेकिन खलासी को ग्रामीणों ने पकड़ लिया. खलासी परना गांव के रहने के कारण कुछ देर के लिए तनाव की स्थिति बन गयी थी. पुलिस ने अपनी सूझ-बूझ का परिचय देते हुए खलासी सहित तीन अन्य उपद्रवियों को थाने में ले गयी.
शव को देखते ही ग्रामीणों का गुस्सा फूटा पड़ा. इसके बाद लोगों ने शव के साथ अझौर बजरंगबली चौक के समीप परना-वनद्वार-बेगूसराय पथ को जाम करते हुए 10 लाख रुपये मुआवजे की मांग की. सड़क जाम रहने से दोनों तरफ छोटे-बड़े वाहनों की लंबी कतारें लगी गयीं.
यात्रियोंको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. दोपहर बाद तक नीमाचांदपुरा के थानाध्यक्ष अमित कुमार ग्रामीणों को समझाने-बुझाने का प्रयास करते रहे, परंतु ग्रामीण कुछ भी मानने को तैयार नहीं थे.
घटना के बाद मृतक के मां-बाप सहित पूरे परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था. गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ था.
मुखिया गणोश साह, सरपंच राजनारायण महतो, फ्रेंड्स क्लब के संयोजक गौतम कुमार, गोपाल साह आदि ने मृतक के परिजनों को सांत्वना देते हुए जिला प्रशासन से मृतक के परिजन को कम से कम से 10 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की.
इस संबंध में बताया जाता है कि अंशु कुमार पढ़ने के लिए विद्यालय जाने हेतु घर से निकला ही था कि यात्रियों से लदी बस ने उसे कुचल दिया, जिससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गयी. जानकारी के अनुसार वह मध्य विद्यालय अझौर में दूसरी कक्षा का छात्र था.

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