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रांची: स्वास्थ्य सचिव के विद्यासागर ने कहा कि हमारा राज्य एनयूएचएम के क्रियान्वयन में सबसे पीछे है. हमें त्वरित गति से कार्य करना होगा, ताकि शहरी गरीबों को भी मुफ्त व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके. स्लम के गरीब लोगों को भी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर सकें. वह आइपीएच सभागार, नामकुम में राज्य के सभी […]

रांची: स्वास्थ्य सचिव के विद्यासागर ने कहा कि हमारा राज्य एनयूएचएम के क्रियान्वयन में सबसे पीछे है. हमें त्वरित गति से कार्य करना होगा, ताकि शहरी गरीबों को भी मुफ्त व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके. स्लम के गरीब लोगों को भी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर सकें. वह आइपीएच सभागार, नामकुम में राज्य के सभी सिविल सर्जनों के साथ स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे. गौरतलब है कि राज्य के 14 जिलों में एनयूएचएम शुरू किया गया है. इसके तहत 51 में से 32 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (यूपीएचसी) तथा कुल छह में मे से चार शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (यूसीएचसी) ही स्थापित किये जा सके हैं. एनयूएचएम के तहत महिला आरोग्य समिति के गठन, शहरी आशा का चयन तथा इनके प्रशिक्षण का कार्य चल रहा है.
एमडी, एनआरएचएम आशिष सिंहमार ने कहा कि जिले में खराब प्रदर्शन के लिए सिविल सर्जन के साथ साथ डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट के कर्मियों को भी जिम्मेवार माना जायेगा तथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में देरी के लिए जिम्मेवार पदाधिकारियों तथा कर्मियों को स्पष्टीकरण देने का भी निर्देश दिया.

विभागीय उप सचिव रामकुमार सिन्हा ने सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिया कि वे विभिन्न कार्यक्रमों पर हुए खर्च का उपयोगिता प्रमाण पत्र मुख्यालय को यथाशीघ्र उपलब्ध कराएं. असाध्य रोग के मरीजों को चिह्नित कर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने तथा इससे बचाव हेतु प्रचार प्रसार करने का भी निर्देश दिया गया. निदेशक प्रमुख डॉ सुमंत मिश्रा ने कहा कि अस्पतालों में अोपीडी की स्थिति सुधरी है, पर इसे बेहतर करने की जरूरत है. उन्होने दवाओं के खरीद में 5/6 फारमुला अपनाने की सलाह दी.


इस अवसर पर कुपोषण उपचार केन्द्रों को और बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने तथा बच्चो को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम को प्रभावी बनाने को कहा गया. मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना, बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल, नन कम्यूनिकेबल डिजीज, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम, मोबाइल हेल्थ टीम तथा अावश्यक दवाअों की सूची जैसे मुद्दों की भी समीक्षा की गयी. इस इवसर पर विभागीय निदेशक, उप निदेशक तथा सभी सिविल सर्जनों सहित एसीएमअो, डीपीएम तथा हॉस्पिटल मैनेजर उपस्थित थे.
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