!! अमलेश नंदन !!
देशभर में प्याज की कीमतें आम आदमी को रुला रही हैं. महानगरों में प्याज के भाव खुदरा मंडियों में क्वालिटी के हिसाब से 80 से 100 रुपये प्रति किलो हैं. जबकि अनय शहरों और यहां तक कि ग्रामीण इलाकों में भी प्याज 50 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं. प्याज की कीमतों में हर दूसरे दिन वृद्धि देखने को मिल रही है. खबरे आ रही है कि नासिक के किसानों के पास अपने खाने के लिए भी प्याज नहीं है. सरकार के लाख बयान के बाद भी जमाखोरी पर लगाम नहीं लग सकी और इसका खामियाजा आम जनता भुगत रही है. रहड़ दाल की कीमतों में लगातार बढोतरी के बाद हजारों टन रहड़ दाल के आयात और जमाखोरी के खिलाफ मुहिम चलाये जाने के सरकार के दावों के बाद भी रहड़ दाल की कीमतों में कमी नहीं आई.
हां पिछले माह की तुलना में रहड़ दाल की कीमतों और और इजाफा जरुर हुआ है. अभी रहड़ दाल की खुदरा कीमतें 125 रुपये प्रति किलो के आसपास है. वहीं अभी सरकार ने 10000 टन से अधिक प्याज के आयात का मन बनाया और संबंधित विभाग को निविदा निकालने की अनुमति भी दे दी गयी है. नया फसल आने में अभी दो से तीन महीनें का समय है. ऐसे में लगता है प्याज की कीमतों 100 के आकड़े को भी पार कर जायेगी. सरकारी दावे हर मोर्चे पर विफल साबित हो रहे हैं. बड़े शहरों में सरकार की ओर से खुदरा स्टॉल लगाकर लोगों को कम कीमतों पर प्याज उपलब्ध कराया जा रहा है. लेकिन छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के पास महंगा प्याज खरीदने के अलावे कोई अन्य उपाय नहीं है.
लासालगांव (नासिक) में प्याज 4,900 रुपये प्रति क्विंटल
देश की सबसे बडी थोक प्याज-मंडी लासलगांव (नासिक) में प्याज का भाव चढ कर दो वर्ष के उच्चतम स्तर 4,900 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है. राष्ट्रीय बागवानी शोध एवं विकास संस्थान (एनएचआरडीएफ) के आंकडों के अनुसार लासलगांव में प्याज का थोक भाव 4,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. एनएचआरडीएफ के निदेशक आर पी गुप्ता ने बताया, ‘आपूर्ति में गिरावट के कारण प्याज में तेजी है. प्याज निकालने में देरी से आपूर्ति प्रभावित हुई है और अब लगता है कि खरीफ की प्याज का उत्पादन भी कम होगा.’ गुप्ता ने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में अपर्याप्त बरसात के कारण प्याज की फसल प्रभावित हो सकती है. इन राज्यों में सूखे पडने का भी खतरा है.
गुप्ता ने कहा, ‘इसके अलावा, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में प्याज की खुदाई में देर हुई है.’ इसके अलावा देश में भंडारित प्याज का भंडार जुलाई के 28 लाख टन से आधा होकर 14 लाख टन रह गया है. फसल वर्ष 2014-15 (जुलाई से जून) में कुल प्याज का उत्पादन 189 लाख टन होने का अनुमान है जो पिछले वर्ष के 194 लाख टन के उत्पादन से मामूली कम है. प्याज की बढती कीमतों को अंकुश में रखने और आसान आपूर्ति को सुनिश्चित करने के प्रयास के तहत केंद्र सरकार ने पहले से ही 10,000 टन प्याज का आयात करने के लिए एमएमटीसी को एक वैश्विक निविदा जारी रखने को कह रखा है. इस बीच पंजाब के व्यापारियों ने भी अट्टारी वाघा भूमि मार्ग के रास्ते अफगानिस्तान से थोडी मात्रा में प्याज का आयात करना शुरू किया है.
सरकार ने एमएमटीसी से 10,000 टन प्याज आयात करने को कहा
प्याज की बढती खुदरा कीमतों ने सरकार को नींद से जगाया है. सरकार ने सरकारी उपक्रम एमएमटीसी से जल्द से जल्द 10,000 टन प्याज का आयात करने को कहा है तथा नाफेड को अपनी निविदा निरस्त करने का निर्देश दिया है. सरकार ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जबकि राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की खुदरा कीमत 80 रुपये प्रति किलो हो गयी है. कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘नाफेड 10,000 टन प्याज के आयात के लिए एक वैश्विक निविदा नहीं जारी कर सका. इसलिए हमने एमएमटीसी से जल्द से जल्द इतनी ही मात्रा में प्याज का आयात करने को कहा है.’ अधिकारी ने कहा कि आयात के कारण घरेलू आपूर्ति की स्थिति सुधरेगी और बढती कीमतों पर अंकुश लगेगा.
अधिकारी ने कहा कि एमएमटीसी को ई-निविदा जारी करने का अनुभव है और वह पाकिस्तान, मिस्र और चीन जैसे विदेशी बाजारों से प्याज आयात का अनुबंध करने में सक्षम होगा. राष्ट्रीय कृषि सहकारिता विपणन महासंघ (नाफेड) ने 23 जुलाई को एक सामान्य निविदा जारी की थी जिसके कारण उसे वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं से एक भी प्रत्युत्तर प्राप्त नहीं हुआ. उसने पिछले सप्ताह दोबारा निविदा आमंत्रित की थी. नाफेड के अधिकारी ने कहा, ‘हमें निविदा को निरस्त करने का निर्देश दिया गया है. हम ई-निविदा जारी नहीं कर सकते हैं क्योंकि हमें इसका अनुभव नहीं है. ई-निविदा को जारी करने की प्रक्रिया में 20 से 25 दिन का समय लगेगा. इसलिए एमएमटीसी को निविदा जारी करने को कहा गया.’ इस बीच पंजाब के व्यापारियों ने अट्टारी-वाघा भूमि मार्ग के जरिये अफगानिस्तान से कम मात्रा में प्याज का आयात करना शुरू किया है. प्याज की खुदरा कीमतों में तेजी, आजादपुर की थोक मंडी में तेजी के कारण आयी है जहां प्याज 48 से 50 रुपये प्रति किलो के भाव बिक रहा है.
प्याज की जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए बनाये गयेहैंदल
दिल्ली सरकार ने नगर में प्याज की जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए कई दल बनाये हैं लेकिन थोक बिक्री बाजार का पूर्वानुमान बताता है कि बाकी राज्यों से महंगे दर पर खरीदे गये प्याज के स्टॉक की ताजा आवक के साथ खुदरा बाजार में कीमतें आगे और बढ सकती हैं. सरकार के अनुसार खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की टीमें राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की आपूर्ति और कीमतों की निरंतर निगरानी कर रही हैं. विभिन्न थोक बिक्री बाजारों में निगरानी के लिए छह दलों को आज रवाना किया गया. हर दल में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के एक अधिकारी और एक निरीक्षक हैं. इसके अलावा दिल्ली कृषि एवं विपणन बोर्ड का एक अधिकारी भी इस दल में शामिल है.
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इन दलों को थोक बिक्री बाजार में प्याज की उपलब्धता की जांच करने को कहा गया और किसी अवांछित तत्व के द्वारा किसी जमाखोरी और कालाबाजारी गतिविधियों की सूचना देने को भी कहा गया है.’ अधिकारियों को प्याज की खुदरा बिक्री करने वाले उचित मूल्य दुकान और मोबाइल वैनों पर सख्त निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है. वे इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि उचित मूल्य दुकान (एफपीएस) पर प्याज 30 रुपये प्रति किलो के भाव से बेचे जायें. दिल्ली सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने एफपीएस और मोबाइल वैन को प्याज की बिक्री 30 रुपये किलो के भाव पर करने को कहा है. एक व्यक्ति को केवल एक किलो सस्ता प्याज बेचा जायेगा. हम अक्तूबर भर सस्ता प्याज बेचना जारी रखेंगे जब तक कि कीमतें नियंत्रण में न आ जायें.’
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री असीम अहमद खान ने सूचित किया कि आपूर्ति के साथ-साथ प्याज कीमतों के उतार चढाव की निगरानी तब तक जारी रहेगी जब तक कि खुले बाजार में कीमतें स्थिर नहीं हो जातीं. लेकिन थोक बिक्री बाजार का दावा है कि प्याज की खुदरा कीमतें आगे और बढेंगी क्योंकि प्याज का उत्पादन करने वाले राज्यों में कीमतें बढ गयी हैं. थोकबिक्री बाजार की कीमतों में वृद्धि का प्रभाव फुटकर बाजारों में भी दिखा है जहां शहर के कुछ अभिजात्य इलाकों में प्याज 80 रुपये प्रति किलो की दर से बेचे गये.
प्रसंस्कृत शुष्क प्याज और प्याज चूर्ण से कीमतों से मिलेगी राहत
देश में हर परिवार को प्याज के बढते दामों ने परेशान किया हुआ है. ऐसे में कहा जा रहा है कि प्रसंस्कृत शुष्क प्याज से इस जिंस की आपूर्ति में कमी की स्थिति में कीमतों में उतार-चढाव पर काबू पाया जा सकता है. लुधियाना के सेंट्रल इंस्टिट्यूट आफ पोस्ट हार्वेस्टिंग इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी (सीफेट) ने लोगों को सलाह दी है कि जब भी प्याज के दाम चढें वे शुष्क प्याज का इस्तेमाल करें.
सीफेट द्वारा किसानों व उद्यमियों को प्याज के शुष्क चिवडे या चूर्ण बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है. सीफेट के वरिष्ठ वैज्ञानिक डी एम कदम ने आज कहा, ‘शुष्क प्याज इस जिंस की बढती कीमतों का समाधान साबित हो सकता है. लोग घर में ही न्यूनतम निवेश और उचित प्रशिक्षण से प्याज को सुखा कर संरक्षित कर सकते हैं.’ उन्होंने बताया कि ताजा प्याज जिसमें 80 से 85 प्रतिशत नमी होती है. उसे मेकेनिकल या इलेक्ट्रिकल प्रक्रिया के जरिये सुखाया जाता है. प्याज को धूप में भी सुखाया जा सकता है.
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