नयी दिल्ली : कर चोरी के लिए शेयर बाजारों का दुरुपयोग करने वाली इकाइयों के खिलाफ ताजा कार्रवाई में बाजार नियामक सेबी ने आज 59 इकाइयों को प्रतिबंध कर दिया और इस मामले को आगे जांच के लिए आयकर विभाग के पास भेजा है.जिन इकाइयों पर रोक लगाई गई है उनमें धनाढ्य व्यक्ति (एचएनआई) शामिल हैं. इनमें रिद्धिसिद्धि बुलियंस, वूडलैंड रिटेल प्राइवेट लिमिटेड, महाकालेश्वर माइनंस एंउ मेटल्स प्राइवेट लिमिटेड, शिर कमोडिटीज एंड फ्यूचर्स प्राइवेट लिमिटेड, ज्ञानदीप खेमका, अशोक कुमार दमानी, जयदीप हलवासिया, स्वर्ण फिनांशल, गुरमीत सिंह त्था विजन स्पांज आयन भी है.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड :सेबी: ने पाया कि बीएसई में उल्टे सौदे करते हुए कुछ इकाइयों को लगातार भारी घाटा हो रहा है जबकि अन्य इकाइयां लगातार अच्छा खासा मुनाफा कमा रही हैं. इस मामले में घाटा उठाने वाली और मुनाफा कमाने वाली, दोनों ही कंपनियों का कारोबारी हेजिंग, सट्टेबाजी या अंतरपणन के कारोबार में अपनायी जाने वाली सामान्य रणनीतियों के अनुसार उचित नहीं दिखा.
सेबी के चेयरमैन यू के सिन्हा ने हाल ही में कहा था कि नियामक कम से कम 5000-6000 करोड रपये के संदिग्ध कर चोरी के लिए 950 से अधिक इकाइयों को पहले ही पूंजी बाजार से प्रतिबंध कर दिया है. आज के आदेश के बाद इस तरह के मामलों में प्रतिबंधित इकाइयों की संख्या 1000 को पार कर गई है. हालांकि शेयर विकल्पों का इस्तेमाल करते हुए कर चोरी का यह पहला मामला है.
इस मामले को जांच व जरुरी कार्रवाई के लिए आयकर विभाग को भेजा जा सकता है. इसे वित्तीय आसूचना इकाई तथा प्रवर्तन निदेशालय के पास भी भेजा जा सकता है.
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य राजीव कुमार अग्रवाल ने 37 पन्नों के अपने आदेश में इन 59 इकाइयों को पूंजी बाजार से हर तरह से प्रतिबंधित कर दिया है. सेबी ने एक अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2015 तक बीएसई के शेयर विकल्प खंड की जांच की थी.
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