पटना: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने गुरुवार को एक बार फिर जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट का सार्वजनिक करने की मांग करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है. राजद सुप्रीमो ने कहा कि भेदभाव और अन्याय के खिलाफ इस देश में क्षेत्रिय दलों का उदय हुआ. इस देश में गरीब एवं सामाजिक तौर पर पिछड़े लोगों के हक के लिए मैंने लड़ाई लड़ी है और आगे भी इस लड़ाई को जारी रखते हुए जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है. ताकि सच उजागर हो सके और वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके. राजद सुप्रीमो ने कहा कि मेरी इस मांग के बदले नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा मुझ पर जंगलराज की वापसी का आरोप लगा जा रहा है.
दैनिक समाचार पत्र समूह की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में राजद सुप्रीमो ने कहा कि मंडल कमिशन, सामाजिक न्याय हमारे बुनियाद में है. जम हम शोषित, पिछड़ों की बात करते है तो जंगलराज का आरोप लगाया जाता है. नीतीश के साथ हमारे मिलने पर तरह-तरह के आरोप लगाये गये. बिहार की जनता यह सब जानती है. एनडीए सूबे की सियासत पर कब्जा जमाना चाहती है और यहां के बाद पश्चिम बंगाल का रुख करने की तैयारी में जुटी है. जातीय जनगणना की रिपोर्ट को जारी किये जाने की मांग को लेकर एक बार फिर राजद सुप्रीमो ने कहा कि हम जानना चाहते है कि देश में किस-किस जाति के लोग विकास की गति में पिछड़ गये है. हमने इसी सवाल पर बीते दिनों बिहार में बंद का एलान किया था. नरेंद्र मोदी की सरकार से नाराज लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे और बंद का समर्थन किया.
प्रधानमंत्री बोलते है विकास की गंगा बह रही है. हम जानना चाहते है कि कितने लोग गरीब है. आज भी 75 फीसद घरों की मासिक आमदनी पांच हजार से कम है. हम उन सबके बारे में जानकारी चाहते है और इसी कड़ी में हमने जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है.