सहरसा: विधानसभा चुनाव के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को बिहार में आरा व सहरसा के दौरे पर हैं. आरा में रैली को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री सहरसा पहुंचे और पटेल मैदान पहुंचे. जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने मैथिली में भाषण की शुरुआत की. इससे पहले पीएम ने आरा में पटना-बक्सर फोर लेन हाइवे का शिलान्यास किया और तीसरी परिवर्तन रैली को संबोधित किया. यहां पीएम ने अपने भाषण में यहां बिहार के लिए कुल एक लाख 65 हजार करोड़ रुपये के बड़े पैकेज का महत्वपूर्ण ऐलान भी किया.
सहरसा रैली में पीएम के भाषण की मुख्य बातें
– पीएम ने मैथिली में भाषण की शुरूआत करते हुए कहा, कोशी अंचल के लोगों को नमन करता हूं
– बिहार में सुरक्षित नही आम आदमी, जंगलराज को फिर से लाना चाहते है क्या
– हवा का रूख साफ नजर आ रहा है. इस चुनाव में माहौल-मौसम कैसा है, उसका भली-भांति पता चल रहा है. बीजेपी-एनडीए की सरकार बनाने के लिए जो तेज आंधी आई है, बारिश भी उसे भिगो नहीं पा रही.
– 7 साल पहले 18 अगस्त को कोसी में भयंकर बाढ़ आई और उसमें 7-8 जिलों के कई लाख परिवार तबाह हुये. खेत, गांव बालू से भर गये. गांव विनाश के कगार पर आकर खड़े हो गये. उस वक्त मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था. गुजरात कितना ही दूर क्यों न हो, लेकिन कोशी अंचल की पीड़ा के वक्त उनके साथ खड़े रहने के लिए मदद का संकल्प लिया और पांच करोड़ रु पये का चेक भेजा.
– किसी का नाम लिये बगैर पीएम मोदी ने कहा, राजनेता अंहकार के कारण न संवेदनाओं को समझ पाते हैं और न दर्द का अनुभव कर पाते हैं. अहंकार कितनी गहरी चोट पहुंचाता है, अगर मुझ पर कोई व्यक्तिगत अपमानित करें, अनाप-शनाप भाषा का उपयोग कर लें, मैं कभी भी सार्वजनिक रूप से इस प्रकार की हरकतों के संबंध में कुछ नहीं बोलता. उसे सहने के लिए खुद को तैयार करता हूं, लेकिन जब अहंकार के साथ जनता की पीड़ा के साथ खिलवाड़ होता है तो मैं खुद को रोक नहीं पाता.
– बिहार की शक्ल-सूरत बदल कर ही दम लूंगा, हम बोलते है और करते भी है.
– वादे से बढ़कर दिया सवा लाख करोड़ रुपये का पैकेज, बिहार विकास के रास्ते पर बढ़ेगा
– राजनेताओं के अहंकार ने बिहार के सपनों को चूर-चूर किया, जो अहंकार नहीं छोड़ते, उन्हें विदाई देने का वक्त आ गया है.
– जय प्रकाश नारायण देश की शान हैं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, कांग्रेस के राज में जयप्रकाश नारायण को जेल में बंद कर दिया गया और उनकी मृत्यु के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है.
– बिहार में नया महागंठबंधन कर कुछ राजनेता जयप्रकाश नारायण के सपनों के साथ उनकी आत्मा को पीड़ा पहुंचा रहे हैं. यह उनकी आत्मा के साथ विश्वासघात है. अब बिहार की जनता नया गठबंधन करने वाले इस लोगों का साथ नहीं देगी.
-पीएम होने के नाते अपने काम का हिसाब दे रहा हूं. जनता के पास जाने के लिए हिम्मत होना चाहिए, लेकिन जब अहंकार सातवें आसमान पर होता है, जब एसी कमरों में पत्रकारों को बुलाकर सवाल पूछे जाते है.
– बिहार को जंगलराज का डर सता रहा है, इसके संकेत मिलने शुरू हो गए हैं. अपराध के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में अपराध का स्तर तेजी से बढ़ा है और इससे जंगलराज के आसार शुरू हुए हैं.
– अगर बिहार में हत्या, दंगे बंद करवाने है तो घर-घर जाकर चौकीदारी करने की जरूरत नहीं. बस पटना में मजबूत सरकार बना दीजिए, समस्याओं का समाधान हो जाएगा.
-कोशी अंचल के लोगों को हिसाब देते हुए गर्व होता है, अगर कोशी की इतनी चिंता होती तो सबसे पहले भारत सरकार की जिम्मेदारी नेपाल के साथ संबंधों को ठीक करने की चिंता होती. जब तक नेपाल के साथ बैठकर उचित योजना नहीं बनती, कोशी अंचल को आपदा से नहीं बचाया जा सकता. नेपाल जाने में 70 मिनट नहीं लगते, लेकिन किसी भी पीएम को नेपाल जाने में 17 साल लग गए, लेकिन हम नेपाल से मिले और कंधे से कंधे मिलाकर उसकी मदद कर रहे हैं.
– चुनाव की तारीख आने पर बिहार की जनता ने बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए को जिताने का फैसला कर लिया है. नया बिहार बनाकर रहेंगे.
आरा रैली में पीएम के भाषण की मुख्य बातें
– प्रधानमंत्री ने भोजपुरी भाषा में अपने संबोधन को आरंभ करते हुए जैसे ही कहा, रउरा सब लोग के हमार प्रणाम. लोकसभा चुनाव के बाद हम भोजपुर आइल बानी, बाबू वीर कुंअर सिंह की धरती पर रउरा लोगन के बहुत-बहुत प्रणाम. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बीती रात दुबई यात्र की भी चर्चा की.
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरा में बिहार के लिए विशेष पैकेज का ऐलान किया. आरा के रमणा मैदान में सड़क एवं भूतल परिवहन विभाग की योजनाओं का शिलान्यास एवं उदघाटन करने आये प्रधानमंत्री ने बिहार के लिए सवा लाख करोड़ रु पये की पैकेज की घोषणा की. बिहार को चुनावी वायदों के अनुरुप विशेष पैकेज दे गये. बल्कि युवाओं को कौशल विकास और नये रोजगार के वायदे कर उन्हें पुचकारा भी.
– लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने पचास हजार करोड़ रुपये की पैकेज के वायदे किये थे. लेकिन जब दिल्ली की सत्ता में आया और वहां की बारिकियां देखी तो पता चला कि बिहार का काम सिर्फ पचास हजार करोड़ रु पये से नहीं चलने वाला. उन्होने उपस्थित भीड़ से पूछा कि पचास से या साठ हजार करोड़ रु पये से काम चलेगा, भीड़ ने कहा नहीं. भीड़ का मिजाज देख वह आगे बढते गये. बात 90 हजार करोड़ तक गयी. भीड़ ने जब कहा नहीं तो अचानक प्रधानमंत्री रूके और वीर कुंअर सिंह एवं जय प्रकाश नारायण को याद करते हुए सवा लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की.
– विशेष पैकेज की घोषणा के साथ-साथ नेशनल हाइवे की नौ हजार करोड़ की लागत से 11 योजनाओं का शिलान्यास भी किया. प्रधानमंत्री ने 878 करोड़ की लागत से मुजपफरपुर-सीतामढी -सोनबरसा सड़क का उदघाटन किया और कौशल विकास योजनाओं की भी शुरूआत की. पूर्ववर्ती केंद्र सरकार ने बिहार को 12 हजार करोड़ रु पये का पैकेज दिया था. उसमें 8282 करोड़ रु पये खर्च नहीं हुए. प्रदेश में नेशनल हाइवे की 12 हजार करोड़ रु पये की परियोजनाओं पर काम चल रहा है. इसके अतिरिक्त बांका जिले में 20 हजार करोड़ रु पये की लागत से बिजली कारखाना बनने वाला है. सब की रकम होती है 40657 करोड़, यह राशि बिहार को सवा लाख करोड़ रु पये की रकम से अतिरिक्त होगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों रकम को जोड़ दी जाये तो बिहार को मिलने वाली विशेष पैकेज की राशि हो जाती है 1.65 हजार करोड़. उन्होंने बिहार वासियों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि अपने इस वायदे को हर हाल में पूरा करके रहेंगे.
– सवा लाख करोड़ का पैकेज बिहार का भाग्य बदलने के लिए मैं घोषणा कर रहा हूं. आज मैं आरा की धरती से अपना वायदा पूरा करने आया हूं. बिहार के लिए पैकेज की घोषणा यहीं से करने जा रहा हूं. मंच पर इस समय बिहार सरकार के प्रतिनिधि के रूप में पथ निर्माण मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह मौजूद थे.
– मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी उनके निशाने पर रहे. रमणा मैदान में आयी युवाओं की भीड़ से प्रधानमंत्री ने कहा कि जितनी तेजिस्वता आपमें हैं उसे और जगहों पर खोजनी पड़ती है. तभी तो यहां चाणक्य पैदा हुए. गया की सभा के दौरान बिहार को बीमारू राज्य कहे जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की टिप्पणी को याद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मेरी बातों से नाराज हो गये. उन्होंने कहा कि यह मोदी होता क्या है बिहार को बीमारू राज्य कहने वाला. बिहार बीमारू प्रदेश नहीं है. प्रधानमंत्री ने अपनी शैली में इसका जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी आपके मुंह में घी-शक्कर. मैं आपकी बात को स्वीकार करता हूं. यदि बिहार बीमारू प्रदेश से बाहर निकला है तो इससे सबसे अधिक खुशी मुङो होगी. मुख्यमंत्री को निशाना बनाते हुए कहा कि बिहार बीमारू राज्य नहीं मैं इसका स्वागत करता हूं. उन्होंने उपस्थित लोगों से पूछा, जिसने पेट भर खाना खाया हो, वह किसी से खाना मांगेगा क्या. भीड़ ने जवाब दिया-नहीं. मोदी चुप नहीं रहे, कोई तंदुरु स्त हो तो वह डाक्टर के यहां जायेगा, भीड़ ने कहा -नहीं. वह कहते गये, मैं हैरान हूं. एक तरफ कहते हैं मैं बीमार नहीं हूं. दूसरी तरफ कहते हैं, हमें ये दे दो, हमें वो दे दो. अब बिहार की जनता तय करे कि उसे क्या चाहिए.
– युवाओं से खूब सवाल-जवाब किये और पूछा कि बिहार को बिजली चाहिए या नहीं. स्टार्ट अप और स्टैंड अप प्रोग्राम का भी उन्होंने चर्चा किया. उन्होंने कहा कि बैंकों से कहा है कि अपने पैसे में से कम से कम एक दलित और पिछड़ी जाति से आने वाली माताओं के बेटे को रोजगार के लिए धन उपलब्ध कराये. एक भी ऐसा युवक खड़ा होता है तो यही है स्टार्ट अप इंडिया. उन्होंने कृषि और किसानों की भी चर्चा की. प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक किसान सरकार के ऐजेंडे में नहीं थे. उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह का नाम लेते हुए कहा कि अब हमारी सरकार ने कृषि और किसान के विकास के लिए अलग से काम करना आरंभ किया है.
10 परियोजनाओं का शिलान्यास
1. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 30 के पटना-कोईलवर खण्ड का चार लेन चौड़ीकरण 34 किमी जिसका लागत 598 करोड होगा.
2. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 30 एवं 84 के कोईलवर-भोजपुर खण्ड का चार लेन चौड़ीकरण 44 किमी जिसका लागत 825 करोड रु पये होगा.
3. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 84 के भोजपुर -बक्सर खण्ड का चार लेन चौड़ीकरण48 किमी जिसका लागत जिसका लागत 682 करोड.
4. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 83 के पटना-गया-डोभी खंड का दो लेन चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण127 किमी जिसका लागत 1232
5. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 104 के शिवहर-रूपौली खण्ड का दो लेन चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण30 किमी जिसका लागत 154 करोड़
6. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 104 के रूपौली-जयनगर खण्ड का दो लेन चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण77 किमी जिसका लागत 319 करोड
7. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 104 के जयनगर-नरिहया खण्ड का दो लेन चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण64 किमी जिसका लागत 478 करोड
8. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 80 पर दो लेन सुदृढ़ पट्टी सहित भागलपुर बाईपास का निर्माण 17 किमी जिसका लागत 231 करोड
9. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 30 ए के फतुहा-हरनौत-बाढ़ खण्ड का दो लेन चौड़ीकरण एवं मजबूतिकरण70 किमी जिसका लागत 592 करोड़
10. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 106 के बीरपुर-उदा किशनगंज खण्ड का दो लेने चौड़ीकरण एवं मजबूतिकरण106 किमी जिसका लागत 577 करोड़
इसका हुआ उद्घाटन
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-77 के मुजफ्फरपुर-सोनबरसा खण्ड के दो लेन सुदृढ़ पट्टी सहित चौड़ीकरण परियोजना83 किमी जिसका लागत 512 करोड़ रु पये.
पटना – आरा -बक्सर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -30 एवं 84 का होगा चौड़ीकरण
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -30 एवं 84 के 125 किमी़ लम्बे पटना – आरा -बक्सर खण्ड का चार लेन में चौड़ीकरण का प्रस्ताव है. क्रि यान्वयन में सुविधा के दृष्टिकोण से इस खण्ड को निम्न तीन पैकेजो में विभक्त किया गया है.
1. पटना-कोईलवर (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या – 30) कुल लम्बाई 33.250 किमी़
2. ककोईलवर- भोजपुर (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -30 एवं 84) कुल लम्बाई 43.850 किमी़
3. भोजपुर – बक्सर (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -84) कुल लम्बाई 47.900 किमी़
लगभग रू0 2105 करोड़ की लागत से बनने वाली यह परियोजना पटना में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -30 के किमी 181.300 से प्रारम्भ होकर आरा शहर होते हुए उत्तर प्रदेश राज्य के भरौली (जिला- बलिया) में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -19 पर मिलती है. मंत्रलय द्वारा चार लेन में विकिसत किये जा रहे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -30 के आरा -मोहनिया खण्ड के रास्ते स्विर्णम चतुभरु त पर पहुॅचना सुगम होगा. इस परियोजना में अन्य पुल – पुलिया के साथ -साथ कोईलवर स्थित 1862 ई0 में सोन नदी पर निर्मित रेल -सह- सड़क पुल के समानान्तर चार लेन पुल एवं बक्सर के पास निर्मित दो लेन गंगा पुल के बगल में दो लेन के नये पुल का निर्माण भी सिम्मलित है. इसके अतिरिक्त इस खण्ड पर यात्न को सुरिक्षत बनाने के लिए यात्रियों की सुविधा हेतु 17 अद्द वाहन हेतु अन्डर पास एवं 30 अद्द पद यात्रियों के लिए अन्डर पास के निर्माण का भी प्रस्ताव है. इसके अतिरिक्त यात्र को निरापद बनाने के लिए आबादी वाले क्षेत्रों के लिए बाईपास का भी निर्माण होना है, ऐसा ही एक बाईपास आरा शहर के लिए भी प्रस्तावित है.