जकार्ता : बैडमिंटन में पहली भारतीय विश्व चैम्पियन बनने का साइना नेहवाल का सपना आज उस समय टूट गया जब आज यहां खिताबी मुकाबले में उन्हें गत चैम्पियन स्पेन की कैरालिना मारिन के खिलाफ सीधे गेम में शिकस्त का सामना करना पडा. हारकर भी साइना ने इतिहास रच दिया है. विश्व बैंडमिंटन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने वाली वह पहली भारतीय बन गयीं हैं. साइना की इस हार पर उनके पिता ने कहा कि निराश होने की जरुरत नहीं है. आप देखना एक दिन साइना वर्ल्ड चैंपियन बनेगी और वह काफी दिनों तक रहेगी.
आज दुनिया की दूसरे नंबर की भारतीय खिलाडी को अपनी चिर प्रतिंद्वद्वी शीर्ष वरीय के खिलाफ 59 मिनट में 16-21, 19-21 से शिकस्त झेलनी पडी. साइना को लगातार दूसरी बार किसी बडी प्रतियोगिता के फाइनल में हार का सामना करना पडा. यह रजत पदक हालांकि विश्व चैम्पियनशिप में किसी भारतीय खिलाडी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. साइना को इससे पहले इसी साल आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप के फाइनल में ही मारिन के हाथों हार का सामना करना पडा था.
विश्व चैम्पियनशिप में यह भारत का पांचवां पदक है. इससे पहले पीवी सिंधू ने 2013 और 2014 में कांस्य पदक जीता था जबकि ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की महिला युगल जोडी भी 2011 में कांस्य पदक जीतने में सफल रही थी. विश्व चैम्पियनशिप में भारत के लिए पहला पदक 1983 में दिग्गज बैडमिंटन खिलाडी प्रकाश पादुकोण ने कांस्य पदक के रुप में जीता था.