नयी दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि पश्चिम बंगाल में करीब 81,000 भिखारी है जो देश में सबसे अधिक संख्या को दर्शाता है जबकि लक्षद्वीप में महज दो ही भिखारी हैं.
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“देश में सबसे अधिक भिखारी पश्चिम बंगाल में”
नयी दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि पश्चिम बंगाल में करीब 81,000 भिखारी है जो देश में सबसे अधिक संख्या को दर्शाता है जबकि लक्षद्वीप में महज दो ही भिखारी हैं. सामाजिक न्याय राज्य मंत्री विजय सांपला ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि देश में 4,13,670 भिखारी हैं जिसमें […]
सामाजिक न्याय राज्य मंत्री विजय सांपला ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि देश में 4,13,670 भिखारी हैं जिसमें 2.2 लाख पुरुष और 1.91 लाख महिला भिखारी हैं.
पश्चिम बंगाल में करीब 81,000 भिखारी हैं और वह सूची में सबसे ऊपर है जिसके बाद उत्तर प्रदेश में 65,835, आंध्र प्रदेश में 30,218, बिहार में 29,723 और मध्य प्रदेश में 28,695 भिखारी हैं.
असम, मणिपुर और पश्चिम बंगाल में पुरुष भिखारियों की तुलना में महिला भिखारियों की संख्या कहीं अधिक है.हालांकि केंद्र शासित प्रदेशों में भिखारियों की संख्या काफी कम है. सरकारी रिकार्ड के अनुसार लक्षद्वीप में केवल दो भिखारी हैं जिसके बाद दादरा नागर हवेली, दमन एवं दीव तथा अंडमान निकोबार द्वीप में क्रमश: 19 भिखारी, 22 भिखारी और 56 भिखारी हैं.
केंद्र शासित प्रदेशों में से दिल्ली में सबसे अधिक 2,187 भिखारी हैं जिसके बाद चंडीगढ में 121 भिखारी हैं.पूर्वोत्तर राज्यों में से असम में भिखारियों की संख्या सबसे अधिक है जहां 22,116 भिखारी हैं जबकि वहां मिजोरम में सबसे कम 53 भिखारी हैं.
मंत्री ने कहा कि करीब 22 राज्यों: केंद्र शासित प्रदेशों ने भीख मांगने के खिलाफ कानून बनाया अथवा अपनाया है.
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