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एक कॉपी के लिए देने होंगे तीन सौ रुपये

आरटीआइ से मिलने वाली कॉपी की दर तय मुजफ्फरपुर : विवि में आरटीआइ के तहत मिलने वाली परीक्षा की कॉपी की प्रतिलिपि की दर निर्धारित कर दी गयी है. अभ्यर्थियों को इसके लिए प्रति कॉपी तीन सौ रुपये देने होंगे. मंगलवार को कुलपति डॉ पंडित पलांडे की अध्यक्षता वाली फाइनेंस कमेटी ने इस पर मुहर […]

आरटीआइ से मिलने वाली कॉपी की दर तय
मुजफ्फरपुर : विवि में आरटीआइ के तहत मिलने वाली परीक्षा की कॉपी की प्रतिलिपि की दर निर्धारित कर दी गयी है. अभ्यर्थियों को इसके लिए प्रति कॉपी तीन सौ रुपये देने होंगे. मंगलवार को कुलपति डॉ पंडित पलांडे की अध्यक्षता वाली फाइनेंस कमेटी ने इस पर मुहर लगा दी है.
प्रतिलिपि देने की प्रक्रिया क्या होगी व परीक्षा के कितने दिनों बाद तक इसे हासिल किया जा सकता है, इस पर अंतिम फैसला मंगलवार को परीक्षा बोर्ड में लिया जायेगा.
गौरतलब है कि विवि प्रशासन की ओर से परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज कुमार ने 15 अगस्त तक ट्रायल के तौर पर पांच छात्रों को आरटीआइ के तहत परीक्षा की कॉपी उपलब्ध कराने का लिखित आश्वासन छात्र नेताओं को दे चुके हैं.
तीन साल से था दर को लेकर विवाद
वर्ष 2012 में पहली बार आरटीआइ के तहत परीक्षा की कॉपी की प्रतिलिपि देने का फैसला हुआ. लेकिन इसके लिए प्रति कॉपी शुल्क क्या रखा जाये, इसको लेकर काफी विवाद हुआ. शुरुआत में परीक्षा बोर्ड ने इसके लिए प्रति कॉपी एक हजार रुपये घोषित किया, जिसको लेकर विवाद हुआ.
विरोध को देखते हुए विवि प्रशासन ने अपना फैसला वापस ले लिया. बीच में विवि प्रशासन ने दो अन्य विश्वविद्यालयों में कॉपी की दर का हवाला देते हुए प्रति कॉपी दर पंद्रह सौ रुपये निर्धारित करने का फैसला लिया. परीक्षा बोर्ड में भी इस पर मुहर लग गयी.
लेकिन राजभवन की मंजूरी के इंतजार में इसे लागू नहीं किया जा सका. पिछले सप्ताह जब छात्र लोजपा व छात्र रालोसपा के कार्यकर्ताओं ने इसको लेकर हंगामा किया तो विवि प्रशासन को झुकना पड़ा. रेट को भी घटा कर तीन सौ रुपये करने का फैसला हुआ.
हालांकि इसको लेकर काफी चर्चा हुई. कुछ सदस्यों ने कॉपी की दर पांच सौ रुपये रखने की भी सलाह दी, जिसे नकार दिया गया. जानकारी हो कि आरटीआइ के तहत कॉपी की प्रतिलिपि के लिए अब तक दस रुपये के पोस्टल ऑर्डर के साथ दो सौ से अधिक आवेदन लोक सूचना कार्यालय व परीक्षा विभाग में लंबित हैं.
हॉस्टल के जीर्णोद्धार का मामला फंसा
फाइनेंस कमेटी में चार पीजी गल्र्स हॉस्टल व तीन पीजी ब्वॉयज हॉस्टल के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव भी रखा गया.इसके लिए सभी हॉस्टल को तीन-तीन लाख रुपये और दिये जाने थे. लेकिन सदस्य विधान पार्षद डॉ संजय कुमार सिंह सहित अन्य सदस्यों ने इसका विरोध किया. इसके कारण इसे मंजूरी नहीं मिल सकी. प्रत्येक हॉस्टल को जीर्णोद्धार के नाम पर पूर्व में दिये गये एक-एक लाख रुपये को भी सदस्यों ने मंजूरी देने से इनकार कर दिया.
बैठक में बीलिस कोर्स के पैसे से केंद्रीय पुस्तकालय में हो रहे जीर्णोद्धार कार्य के प्रस्ताव को भी मंजूरी के लिए रखा गया, लेकिन इसे भी मंजूरी नहीं मिली. सदस्यों का तर्क था कि लाइब्रेरी कमेटी इसे पहले ही पास कर चुकी है. उसके आधार पर काम भी शुरू है. ऐसे में इसे फाइनेंस कमेटी में रखने का कोई औचित्य नहीं है.

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