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2020 तक खलीफा राज कायम करने की योजना बना रहा है ISIS

सेंट्रल डेस्क खूंखार चरमपंथी संगठन इसलामिक स्टेट (आइएस) का एक और खौफनाक मंसूबा सामने आया है. आइएस का इरादा अगले पांच वर्षों में भारत समेत दुनिया के अधिकांश देशों पर कब्जा करने का है. आइएस ने एक नया नक्शा जारी कर अपने खतरनाक मंसूबों को दर्शाया है. नक्शे के मुताबिक, आइएस मध्य एशिया, दक्षिण अफ्रीका […]

सेंट्रल डेस्क

खूंखार चरमपंथी संगठन इसलामिक स्टेट (आइएस) का एक और खौफनाक मंसूबा सामने आया है. आइएस का इरादा अगले पांच वर्षों में भारत समेत दुनिया के अधिकांश देशों पर कब्जा करने का है. आइएस ने एक नया नक्शा जारी कर अपने खतरनाक मंसूबों को दर्शाया है. नक्शे के मुताबिक, आइएस मध्य एशिया, दक्षिण अफ्रीका और यूरोप के कई हिस्सों पर कब्जा करना चाहता है. उसकी रणनीति पश्चिम में स्पेन से लेकर पूर्व में चीन तक इसलामिक दुनिया बनाने की है. यह खुलासा बीबीसी के एक पत्रकार एंड्रयू हॉस्कन ने अपनी किताब ‘एम्पायर ऑफ फियर : इनसाइड द इसलामिक स्टेट’ में किया है.

हॉस्कन के मुताबिक, आठवीं और 15वीं शताब्दी में मुरो द्वारा कब्जा कर लिये गये स्पेन, पुर्तगाल और फ्रांस के कुछ हिस्सों को आइएस ने अरबी में ‘अंदालुस’ नाम दिया है. वहीं, आइएस ने भारतीय उपमहाद्वीप को ‘खुरासान’ नाम दिया है. एंड्रयू के मुताबिक, आइएस पूरे विश्व को इसलामिक दुनिया की नजर से देखता है. बगदादी को अपना खलीफा बनाने के बाद वह पूरी दुनिया में खलीफा राज कायम करना चाहता है. हॉस्कन ने लिखा है कि आइएस अमेरिका और रूस समेत दुनिया के करीब 60 देशों को अपने खिलाफ मानता है. किताब में दावा किया गया है कि आइएस के 50,000 सदस्य हैं आैर इसके पास दो अरब पाउंड की संपत्ति है.

बना रहा बायोलॉजिकल और केमिकल हथियार

हॉस्कन के मुताबिक, आइएस बायोलॉजिकल और केमिकल हथियार तैयार कर रहा है. अगर इसमें आइएस कामयाब हो जाता है, तो वह इन हथियारों का इस्तेमाल भी करेगा. इससे दुनिया को जीतने में उसे बहुत मदद मिलेगी.

आइएस के फाउंडर जरकावी ने बनायी थी योजना

हॉस्कन ने अपनी किताब में लिखा है कि आइएस की स्थापना करनेवाले अबु मुसाब अल-जरकावी ने 1996 में सात चरणों वाले एक कार्यक्रम के बारे में बताया था. इससे मुसलिम वर्ष 2020 तक दुनिया को जीत लेंगे. वर्ष 2010-2011 में उनके करीब 80 फीसदी नेता या तो पकड़ लिये गये थे, या मार दिये गये थे. इस दौरान आइएस के कुछ ही जिहादी बचे थे, जिन्हें खत्म नहीं किया जा सका था. अब ये कैंसर की तरह फिर से वापस आ गये हैं. आइएस ने एक साल में मारे 6500 बेकसूर : आइएस प्रमुख अबु बकर अल बगदादी ने एक साल पहले यानी 29 जून, 2014 को खुद को नया खलीफा घोषित किया था. पिछले साल जून में ही आइएस इराकी शहर मोसुल पर कब्जा कर सुर्खियों में आया था. तब से इस साल जून तक यह आतंकी संगठन 6500 से ज्यादा लोगों की हत्या कर चुका है.

कौन है बगदादी

अबु बकर अल बगदादी (44) उर्फ अदृश्य शेख आइएस का प्रमुख है. सूफी परिवार में जन्मा बगदादी खुद को मुसलिमों का नेेता कहता है. गूगल के अनुसार, उसका जन्म 1971 में समारा में हुआ था. उसने बगदाद विश्वविद्यालय से इसलामिक स्टडीज में डॉक्टरेट की उपािध ली है. उस पर 10 करोड़ डॉलर का इनाम है.

कमाई का जरिया

इराक और सीरिया में तेल कुआं और फिरौती से आइएस की कमाई है. 2014 में अवैध वसूली कर, तेल के कुएं हथिया कर और बैंक लूट कर 1.5 अरब डॉलर कमाये.

अमेरिका का दावा

आइएस ने एक वर्ष में अपना 25 फीसदी इलाका अमेरिकी, सीरियाई और इराकी सुरक्षा बलों से लड़ाई में खो दिया. लेकिन, उसने अपनी दहशत कई गुना बढ़ा दी है.

यहां मौजूद है आइएस

इराक, सीरिया, तुर्की, लीबिया, मिस्र (इजिप्ट), सऊदी अरब.

यहां बढ़ी सक्रियता

हाल ही में अफगानिस्तान, पाकिस्तान, यूरोप, दक्षिण अफ्रीका में भी कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है. माना जा रहा है कि यहां भी वह सक्रिय हो रहा है. 400 किमी की लंबी मजबूत सीमा : आइएस ने तुर्की से लेकर इराक के कोबानी तक 400 किमी लंबी ऐसी सीमा बना ली है, जिसे तोड़ पाना मुश्किल है.

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