नयी दिल्ली: विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही बिहार में सियासी हलचल तेज हो गया है. चुनावी तैयारियों को लेकर सभी दलों ने विशेष रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया है. इसी कड़ी में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के सीट बंटवारा को लेकर दबाव बनाये रखने के पुराने उदाहरणों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने चुनाव के लिए अन्य वैकिल्पक रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस को इस बात का अनुभव है कि बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर विस चुनाव से पहले कभी भी लालू प्रसाद से उनका मतभेद हो सकते हैं. इसी कारण पार्टी ने राजद-जदयू से अलग अपने दम पर भी चुनाव लड़ने का विकल्प खुला रखा हुआ है और इस पर काम भी शुरु कर दिया गया है.
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने सभी जिलाध्यक्षों को बिहार में सभी 243 सीटों के लिए प्रत्याशियों की सूची बनाने के निर्देश दिये है. गौर हो कि कांग्रेस ने बिहार में इन दोनों प्रमुख दलों के साथ गठबंधन किया हुआ है, लेकिन सीट बंटवारे के बाद ही तय होगा कि यह गठबंधन चुनाव तक कायम रहता है या नहीं. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने चुनाव के लिए तीन प्लान बनाया है. पार्टी अपने प्रथम प्लान के तहत राजद-जदयू के साथ गठबंधन में ही चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन इस प्लान के फेल हो जाने पर दूसरे और तीसरे प्लान का इस्तेमाल किया जायेगा. दूसरे प्लान के तहत कांग्रेस सिर्फ नीतीश कुमार की जदयू के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ेगी. जबकि तीसरे प्लान के तहत सूबे के सभी 243 सीटों पर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में है.
सूत्रों की माने तो कांग्रेस के जिला अध्यक्षों ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में तीन उम्मीदवारों के पैनल की पहचान कर ली है. राहुल के निर्देश के मुताबिक उन उम्मीदवारों पर विचार नहीं किया गया है जो हाल ही में अन्य दलों से कांग्रेस में आये है. कांग्रेस किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहती है. अगर सीट बंटवारा को लेकर पहले का समझौता काम नहीं करता, तो कांग्रेस सभी स्थितियों से निपटने को तैयार है. इसी कड़ी में राहुल गांधी ने इस माह के दूसरे सप्ताह में बिहार के सभी वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक भी बुलायी है. इस दौरान चुनाव से जुड़ी रणनीति पर विचार किये जाने की खबर है.