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डॉ कलाम की सोशल मीडिया संचालन पर छिड़ी जंग
नयी दिल्ली :पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की मौत के बाद उनकी विरासत को लेकर उनके सहयोगियों में जंग छिड गयी है. इस जंग की वजह है कि सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर कलाम के ऑफिशियल अकाउंट्स पर नियंत्रण किसका हो? ध्यान रहे कि एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के बाद एलान किया गया था […]
नयी दिल्ली :पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की मौत के बाद उनकी विरासत को लेकर उनके सहयोगियों में जंग छिड गयी है. इस जंग की वजह है कि सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर कलाम के ऑफिशियल अकाउंट्स पर नियंत्रण किसका हो? ध्यान रहे कि एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के बाद एलान किया गया था कि सोशल मीडिया पर उनके अकाउंट्स को बंद नहीं किया जायेगा और उसका संचालन उनकी विरासत के रूप में होगा. पर, अब जंग इस बात पर छिडी है कि इसका संचालन आखिर कौन करे, उनका छात्र या उनका आधिकारिक कार्यालय?
पूर्व राष्ट्रपति के नयी दिल्ली स्थित कार्यालय से बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि कलाम साहब के साथ एकेडमिक व निजी तौर पर जुडे रहे सृजन पाल सिंह को मीडिया में और दूसरे सोशल प्लेटफॉर्म पर मिसाइल मैन के बारे में कोई बयान नहीं देना चाहिए. इस बयान में यह भी कहा गया है कि सृजन पाल सिंह को पहले ही सलाह दी गयी है कि पूर्व राष्ट्रपति से व उनकी स्मृति में बनाये गये सभी फेसबुक व ट्विटर अकाउंट को फौरन निष्क्रिय कर दें. वहीं, सिंह ने एक अंगरेजी अखबार से कहा है कि डॉ कलाम ने हमारे से केवल अपने निजी अनुभव ही साझा किये हैं. जब वे जीवित थे, तब उन्होंने मुझे सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपने अकाउंट्स को अपडेट करने की जिम्मेवारी सौंपी थी.
ध्यान रहे कि सिंह का कलाम के साथ आखिरी आठ घंटे टाइटल वाला मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. उधर, कलाम के साथ दो दशकों तक वैज्ञानिक सलाहकार के तौर पर जुडे रहे वी पोनराज ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति के कार्यालय को इस बात से एतराज नहीं है कि एक छात्र के रूप में सृजनपाल सिंह कलाम के साथ अपने अनुभवों को साझा करें, लेकिन सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर उनके अकाउंट्स की देखरेख के लिए पूर्व राष्ट्रपति का दफ्तर है.
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