पटना: बिहार भाजपा ने शनिवार को वादा किया कि राज्य विधानसभा चुनाव के बाद यदि वह सत्ता में आयी तो वह सरकारी स्कूलों के चार लाख से अधिक अनुबंधित या ‘स्थायी वेतन’ शिक्षकों को बेहतर वेतनमान देगी और उनकी सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करेगी. यह घोषणा नीतीश कुमार नीत जदयू सरकार की ओर से प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित अनुबंधित शिक्षकों को 5,200 से 20,200 रुपये का वेतनमान मुहैया कराने के निर्णय के दो दिन बाद आयी है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हम महसूस करते हैं कि ‘स्थायी वेतन’ पर काम करने वाले शिक्षकों के लिए घोषित वेतनमान कम है. विधानसभा चुनाव के बाद यदि हमारी सरकार सत्ता में आयी तो हम एक नया वेतनमान लागू करेंगे. पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों को नये वेतनमान के अनुसार जो मिलेगा उससे उन्हें कम से कम 20 प्रतिशत अधिक मिलेगा. इसके साथ ही हम उनकी सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करेंगे. सुशील मोदी ने इसका श्रेय उन शिक्षकों को दिया जो वेतनमान वृद्धि की मांग को लेकर पिछले कुछ वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं.
भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्यूलर) नेता जीतन राम मांझी ने उनका समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने दोनों प्राथमिक और माध्यमिक सरकारी शिक्षकों के लिए एक ही वेतनमान का प्रावधान किया है. उन्होंने कहा कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आयी वह दोनों के लिए अलग अलग वेतनमान का प्रावधान करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे शिक्षकों की पेंशन भी बढ़ायी जाएगी.