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आज व कल भारी बारिश की संभावना, बंगाल की खाड़ी में सक्रिय हुआ कोमेन, झारखंड पर भी होगा असर

पश्चिम बंगाल, असम व बांग्ला देश में कोमेन का ज्यादा असर रांची : बंगाल की खाड़ी में बने निमA दबाव के क्षेत्र का असर झारखंड पर भी पड़ेगा. राज्य के विभिन्न भागों में शुक्रवार व शनिवार को तेज हवा के साथ बारिश होने की संभावना है. मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी के […]

पश्चिम बंगाल, असम व बांग्ला देश में कोमेन का ज्यादा असर
रांची : बंगाल की खाड़ी में बने निमA दबाव के क्षेत्र का असर झारखंड पर भी पड़ेगा. राज्य के विभिन्न भागों में शुक्रवार व शनिवार को तेज हवा के साथ बारिश होने की संभावना है. मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्व की दिशा में चक्रवात सक्रिय है.
इससे तटीय इलाकों में काफी तेज हवा के साथ बारिश हो रही है. यह बांग्ला देश की ओर बढ़ रहा है. इस तूफान का नाम कोमेन दिया गया है. कोमेन का नाम थाइलैंड द्वारा रखागया है.
कोमेन का सबसे ज्यादा असर ओड़िशा, पश्चिम बंगाल व बांग्ला देश में पड़ने की संभावना है. बांग्ला देश में 31 जुलाई की सुबह कोमेन के पूरी तरह पहुंचने की संभावना है.
बांग्ला देश में हो रही तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मौसम विभाग के अनुसार झारखंड में इसका असर कम होगा. 31 जुलाई व एक अगस्त को रांची और आसपास के इलाके में बारिश व तेज हवा चलने की संभावना है. मौसम वैज्ञानिक डॉ ए वदूद के अनुसार कोमेन अगर उत्तर-पश्चिम की ओर अग्रसर होता, तो झारखंड में इसका बुरा असर पड़ता. झारखंड में अगले 24 घंटे में 30 से 40 मिमी वर्षा होने की उम्मीद है. आसमान में घने बादल छाये रहने की संभावना है.
राज्य में अब तक 47 प्रतिशत ही धान की रोपनी हो सकी है
झारखंड में इस बार बारिश अच्छी हुई है. लेकिन धान की रोपनी की स्थिति अच्छी नहीं है. 30 जुलाई तक 47 प्रतिशत धान की रोपनी हो सकी है. जबकि 31 जुलाई तक कम से कम 75 प्रतिशत तक रोपनी होनी चाहिए थी. धान रोपनी का लक्ष्य 17 लाख 67 हजार हेक्टेयर है, लेकिन अभी तक आठ लाख 31 हजार हेक्टेयर में ही रोपनी हुई है. सबसे अच्छी स्थिति मक्का की है.
इसका लक्ष्य तीन लाख 10 हजार हेक्टेयर का है. अब तक दो लाख 50 हजार हेक्टेयर तक खेती का कार्य पूरा हो गया है. इसका लगभग 81 प्रतिशत कार्य हुआ है. दलहन की स्थिति खराब है. इसकी बुवाई का प्रतिशत लगभग 43 प्रतिशत है.

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