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राज्य की जेलों में कैदियों को दी जा रही है कानूनी सलाह
सतीश कुमार रांची : राज्य के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को हक और अधिकार दिलाने को लेकर झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) की ओर से पहल की गयी है. जेलों में अच्छे आचरण वाले लंबी अवधि से जेल में बंद शिक्षित कैदियों को पारा लीगल वोलेंटियर्स (पीएलवी) बनाया गया है. विभिन्न जेलों में […]
सतीश कुमार
रांची : राज्य के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को हक और अधिकार दिलाने को लेकर झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) की ओर से पहल की गयी है. जेलों में अच्छे आचरण वाले लंबी अवधि से जेल में बंद शिक्षित कैदियों को पारा लीगल वोलेंटियर्स (पीएलवी) बनाया गया है.
विभिन्न जेलों में 123 कैदी पारा लीगल वोलेंटियर्स के रूप में काम कर रहे हैं. ये कैदी और लीगल सर्विसेस संस्थान के बीच कड़ी बन कर काम कर रहे हैं.
जेलों में नियुक्त पीएलवी अन्य कैदियों को उनके कानूनी अधिकार के बारे में जानकारी देते हैं. साथ ही उनका रिकॉर्ड भी मेंटेन कर रहे हैं. इसमें उनके मामले से संबंधित सभी जानकारी एकत्र की जाती है. इसके अलावा कैदी जिला विधिक सेवा समिति (डालसा) की ओर से कैदियों को प्रदान की जानेवाली नि:शुल्क कानूनी सुविधाएं दिलाने में मदद करते हैं.
वैसे कैदी, जो अपना वकील रखने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकार समितियों के माध्यम से वकील मुहैया कराने का काम करते हैं. कैदियों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए जिला विधिक सेवा समितियों को पत्र लिखते हैं. ये कोर्ट में अपील, पुर्नविचार याचिका दायर करने से लेकर वैसे कैदियों की भी मदद करते हैं, जिन्हें जमानत मिलने के बाद बेलर नहीं मिलते हैं.
जेल में आनेवाले नये कैदियों के आने पर पीएलवी उनसे बात कर यह जानकारी हासिल करते हैं कि क्या उन्होंने वकील रखा है? वकील नहीं रखनेवाले कैदियों के संबंध में भी जिला विधिक सेवा समिति के साथ ही लोक अदालत, मीडिएशन, ऑर्बिट्रेशन, ज्यूडिशियल सेलेटलमेंट के बारे में भी कैदियों को बताते हैं. कंपाउडेवल नेचर अपराध में बंद विचाराधीन कैदियों को पैनल लॉयर्स की मदद से सहायता प्रदान करने की जिम्मेवारी भी सौंपी गयी है.
15 अगस्त को लगेगी जेल अदालत: झालसा की ओर से 15 अगस्त को राज्य के सभी जिलों में जेल अदालत लगायी जायेगी. इसमें कंपाउंडेवल नेचर के अपराध के अलावा अन्य मामलों पर विचार-विमर्श कर निर्णय लिया जायेगा.
पीएलवी के कार्यो की मॉनीटरिंग करती है डालसा
हाइकोर्ट ने जेल में नियुक्त पीएवी के कार्यो मॉनीटरिंग और सामंजस्य स्थापित करने की जिम्मेवारी जिला विधिक सेवा समिति (डालसा) को सौंपी है. हाल ही में हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इसे लेकर एक गाइड लाइन भी जारी की है. मॉनीटरिंग को लेकर डालसा के सचिव को सप्ताह में एक दिन जेलों का दौरा करने को कहा है. इस कार्य में जेल सुपरिटेंडेंट को पूरा सहयोग करने को कहा गया है.
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