नयी दिल्ली : मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा भर्तियों में हुई कथित अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई द्वारा आज दाखिल प्राथमिकी में दर्ज 20 आरोपियों में पूर्व तकनीकी शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और उनके विशेष कार्याधिकारी के भी नाम हैं.
इसके अलावा एजेंसी ने मामले में इस साल ग्वालियर में आरोपी ललित कुमार की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए प्रारंभिक जांच (पीई) भी दर्ज की है. सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि आईपीसी, भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी में शर्मा, उनके पूर्व ओएसडी ओमप्रकाश शुक्ला, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, पूर्व सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा और पूर्व सहायक प्रोग्रामर सी के मिश्रा समेत 20 आरोपियों के नाम हैं.
ये धाराएं धोखाधडी, आपराधिक साजिश रचने और जालसाजी समेत अन्य अपराधों से जुडी हैं. मामला व्यापमं द्वारा 2013 में साझा सहायक प्रोग्रामर, आईटी ऑपरेटर, डाटा एंटरी ऑपरेटर और कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती परीक्षा में की गयी कथित अनियमितताओं से जुडा है. मध्य प्रदेश पुलिस इस मामले में पहले ही प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है.
ग्वालियर के आनंद नगर निवासी 28 वर्षीय ललित कुमार की अप्राकृतिक मौत के मामले में पीई दर्ज की गयी है. घटना मध्य प्रदेश के मुरैना में 16 जनवरी, 2015 को घटी थी. सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय के निर्देशों पर मामले की जांच संभाली है. सूत्रों के अनुसार बाकी मामलों को लेने की प्रक्रिया चल रही है.
इस बीच सीबीआई ने आज विश्वास दिलाया कि व्यापमं घोटाले समेत सभी मामलों की जांच सही भावना के साथ की जाएगी. सीबीआई निदेशक अनिल कुमार सिन्हा ने बेंगलूरु में संवाददाताओं से कहा, मैं आपको आश्वासन दे सकता हूं कि जो भी मामले हमारे पास आएंगे, उनमें जांच सही भावना के साथ, सही प्रयासों के साथ और अत्यधिक गंभीरता के साथ की जाएगी.
हम तेजी से भी जांच करने की कोशिश करते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि घोटाले पर कोई टिप्पणी करना जल्दी होगी क्योंकि सीबीआई ने हाल ही में मामला संभाला है. सिन्हा के मुताबिक जांच से जुडी जानकारी सार्वजनिक नहीं करने की उनकी नीति रही है.