नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार सड़क यातायात व सुरक्षा विधेयक लायेगी. साथ ही राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति व सड़क सुरक्षा कार्रवाई योजना को लागू करने की दिशा में कई अहम कदम उठायेगी.रविवार को रेडियो पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों के इलाज के लिए ‘कैशलेस’ उपचार (नकदरहित) सुविधा शुरू की है. इस सुविधा के तहत घायल को 50 घंटे में इलाज मुहैया कराने के लिए पैसे की चिंता करने की जरूरत नहीं होगी.
मोदी ने कहा कि सरकार ने सड़क सुरक्षा की दिशा में काफी कदम उठाये हैं. चाहे लोगों को जागरूक करने का मामला हो या सड़क की संरचना का, कानून को लागू करने करने का या फिर दुर्घटना के बाद घायलों के तत्काल इलाज करने का. ये सारी बातें अच्छी हैं, लेकिन दुर्घटना के बाद की हैं. सवाल है दुर्घटना हो ही न. एक-एक जान बहुत प्यारी होती है, एक-एक जीवन प्यारा होता है, उस रूप में उसको देखने की जरूरत है. इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार सड़क यातायात व सुरक्षा विधेयक लाने जा रही है. आनेवाले दिनों में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति व सड़क सुरक्षा कार्रवाई योजना को भी लागू करने की दिशा में कई अहम कदम उठाये जायेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटना में हर चार मिनट में एक मृत्यु होती है. चिंता की बात है कि मृतकों में करीब एक तिहाई की उम्र 15 से 25 साल होती है. मोदी ने कहा, ‘मैं इस संबंध में कोई उपदेश देना नहीं चाहता हूं और न ही राज्य या केंद्र सरकार या स्थानीय संस्थाओं को जिम्मेदारियों से बचने का रास्ता खोज रहा हूं. मैं हर माता-पिता से गुजारिश करता हूं कि बच्चों को सड़क सुरक्षा की बातें जरूर बताएं. वैसे प्रशासन को अपना काम करना ही चाहिए और इस दिशा में सजग रहना चाहिए.’
कई शहर घायलों के नकद रहित उपचार के दायरे में
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सड़क दुर्घटना को लेकर सरकार ने घायलों के ‘नकदरहित उपचार’ पर काम शुरू किया है. फिलहाल सरकार ने गुडगांव, जयपुर और वड़ोदरा. वहां से लेकर मुंबई, रांची, रणगांव, मौंडिया राजमार्गों के लिए नकदरहित उपचार व्यवस्था पेश की है. इसका मायने यह कि पैसे हैं कि नहीं, पैसे कौन देगा, कौन नहीं देगा, ये सारी चिंता छोड़ कर-एक बार सड़क दुर्घटना में जो घायल है, उसको उत्तम से उत्तम सेवा कैसे मिले, उसको प्राथमिकता मिले.
15 अगस्त के लिए लोगों से प्रधानमंत्री ने मांगी राय
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के प्राचीर से दिये जाने वाले अपने भाषण के लिए लोगों से सुझाव मांगे हैं. अपने संबोधन में कहा कि मुझे एक नया विचार आया है कि इस बार मुझे 15 अगस्त को क्या बोलना चाहिए. क्या आप मुझे सुझाव भेज सकते हैं? यदि हां, तो ‘माइगव’ पर भेज सकते हैं, आकाशवाणी या प्रधानमंत्री कार्यालय में पत्र लिख सकते हैं. आपके विचार मेरे बहुत काम आयेंगे.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास का डीएनए
प्रधानमंत्री ने विज्ञान विषय के प्रति छात्रों के रुझानों में कमी पर चिंता जताते हुए कहा कि विज्ञान व प्रौद्योगिकी विकास का ‘डीएनए’ है. आज 100 छात्रों में से एकाध ही मिलेगा जो वैज्ञानिक बनना चाहता है. नयी पीढ़ी वैज्ञानिक बनने के सपने देखे, अनुसंधान और सृजन में दिलचस्पी लें. उन्हें प्रोत्साहन मिलना चाहिए व उनकी क्षमताओं को पहचानने की जरूरत है. हम मंगल अभियान की सफलता गर्व महसूस करते हैं. वैसे मानव संसाधन ने एक राष्ट्रीय आविष्कार अभियान शुरू किया है.