इसके लिए बुद्धेश्वर सक्रिय भूमिका में आ गया है. जानकारी के अनुसार सिलवेस्टर के दस्ते के साथ घूमनेवाले ने संपर्क किया है. सभी लोगों से हताश नहीं होने की बात कही है.
यहां बताते चलें कि सिलवेस्टर के मारे जाने व दिलबर नायक के पकड़े जाने से पहले माओवादी संगठन के आधार स्तंभ प्रसाद लकड़ा व सुशील गंझू के पकड़े जाने से लोहरदगा, गुमला व सिमडेगा में संगठन कमजोर हुआ है. क्योंकि प्रसाद व सिलवेस्टर संगठन को जोड़ कर रखे हुए था. इन दोनों की बात संगठन में चलती थी. अब इनके बाद अगर किन्हीं का संगठन में ज्यादा चलती है, तो वह बुद्धेश्वर उरांव है. सूचना यह भी मिल रही है कि बुद्धेश्वर लातेहार व बिशुनपुर के बॉर्डर इलाके में शरण लिये माओवादी के शीर्ष नेता अरविंद से संपर्क करने में लगा हुआ है. जिससे गुमला व लोहरदगा इलाके में संगठन को कमजोर होने से बचाया जा सके.