संपादक महोदय, पिछले कुछ दिनों से प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को अंडा परोसने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. सरकार की ओर से तर्क यह दिया जा रहा है कि अंडों में प्रोटीन अधिक है.
महोदय, देखने में यह आता है कि स्कूलों में अंडा परोसने में बिचौलियों की भूमिका अधिक है. बिचौलिये निजी लाभ कमाने के लिए सरकार के पास मंत्रियों व अधिकारियों के जरिये बेतुके तर्को व कुतर्को से लवरेज प्रस्ताव भिजवा देते हैं. सरकार उन प्रस्तावों को पास करने में देर नहीं करती. महत्वपूर्ण यह नहीं है कि अंडा एक प्रोटीनयुक्त भोज्य पदार्थ है.
महत्वपूर्ण यह है कि अंडे के प्रोटीन से तंदुरुस्त कौन हो रहा है? गौर से देखा जाये, तो प्रोटीन के नाम पर बच्चों के अंडों को बिचौलिये ही चट कर जा रहे हैं. कई स्थानों पर तो अंडे खाकर बच्चे बीमार पड़ जा रहे हैं. कुल मिला कर यह अंडा बिचौलियों को प्रोटीन दे रहा है.
विश्वनाथ झा, देवघर