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महिलाओं को बैठक में होने दें शामिल
एक ओर से सरकार की मंशा महिलाओं को सशक्त करने की है. इसी उद्देश्य से पंचायती राज्य संस्थाओं में उनकी 50 फीसदी भागीदारी तय की जाती है. वहीं यह देखा जा रहा है कि ग्रामसभा या अन्य बैठकों में शामिल होने के लिए मुखिया या महिला जनप्रतिनिधियों के पति ही जाते हैं, जो न्यायोचित प्रतीत […]
एक ओर से सरकार की मंशा महिलाओं को सशक्त करने की है. इसी उद्देश्य से पंचायती राज्य संस्थाओं में उनकी 50 फीसदी भागीदारी तय की जाती है. वहीं यह देखा जा रहा है कि ग्रामसभा या अन्य बैठकों में शामिल होने के लिए मुखिया या महिला जनप्रतिनिधियों के पति ही जाते हैं, जो न्यायोचित प्रतीत नहीं होता.
ऐसी स्थिति में पड़ोसी राज्य बिहार ने कड़ा कदम उठाते हुए वैसे पतियों एवं संबंधियों पर ट्रेसपासिंग का मुकदमा करने का फैसला किया है. यहीं तक नहीं, ऐसे जनप्रतिनिधियों की सदस्यता समाप्त करने पर भी विचार किया जा रहा है.
राज्य सरकार जनप्रतिनिधियों का पूरा सम्मान करती है. जनप्रतिनिधियों को भी अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करना होगा. महिला जनप्रतिनिधियों को बैठकों व सम्मेलनों से वंचित रखना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है. उन्हें शामिल होने दें.
परमेश्वर झा, दुमका
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