27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

”मंगल ग्रह पर कभी भी नहीं रहा होगा कोई सागर”

वाशिंगटन : प्राचीन मंगल ग्रह पर कभी भी समुद्र नहीं रहा होगा और यह गर्म ग्रह की बजाय कहीं अधिक बर्फ का गोला सा दिखता होगा. एक नये अध्ययन में यह दावा किया गया है. अध्ययन के मुताबिक मंगल पर गहरा सागर कभी नहीं रहा होगा. अध्ययन में शुरुआती मंगल के दो विपरित जलवायु परिदृश्यों […]

वाशिंगटन : प्राचीन मंगल ग्रह पर कभी भी समुद्र नहीं रहा होगा और यह गर्म ग्रह की बजाय कहीं अधिक बर्फ का गोला सा दिखता होगा. एक नये अध्ययन में यह दावा किया गया है. अध्ययन के मुताबिक मंगल पर गहरा सागर कभी नहीं रहा होगा. अध्ययन में शुरुआती मंगल के दो विपरित जलवायु परिदृश्यों का अवलोकन किया गया जो दर्शाता है कि अरबों साल पहले एक ठंडा और बर्फीला ग्रह आज ग्रह पर दिख रही जलनिकासी और अपरदन को बेहतर रूप से बयां कर सकता है.

दशकों से शोधार्थियों के बीच मंगल के जलवायु इतिहास पर और ग्रह के शुरुआती जलवायु के चलते बने आज के जल निर्मित धारायें बहस का केंद्र रही हैं. यह धारणा अधिक लोकप्रिह है कि तीन चार अरब साल पहले मंगल कभी गर्म, नम और एक उत्तरी सागर के साथ पृथ्वी जैसा था. ये परिस्थितियां जीवन का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं. एक विचार यह भी है कि कभी यह ग्रह अत्यधिक ठंडा, बर्फीला था जहां जल ज्यादातर समय बर्फ के रूप में था और ऐसे में जीवन का पनपना बेहद कठिन है.

Undefined
''मंगल ग्रह पर कभी भी नहीं रहा होगा कोई सागर'' 2

हार्वर्ड पॉलसन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड अप्लाइड साइंसेज के शोधार्थी रॉबिन वर्ड्सवर्थ ने बताया कि मंगल की आधुनिक विशेषताओं को बेहतर तरीके से कौन सा शुरुआती ‘लाल ग्रह’ बयां करता है, इसे जानने के लिए उन्होंने और उनके सहकर्मी ने 3 डी वायुमंडलीय चक्रीय मॉडल का इस्तेमाल किया ताकि मंगल पर तीन चार अरब साल पहले जल चक्र के विभिन्न परिदृश्यों की तुलना की जा सके. अध्ययन में पाया गया कि गर्म परिदृश्य की तुलना में ठंडे ग्रह का परिदृश्य रहे होने की अधिक संभावना है. यह अध्ययन जर्नल ऑफ जियोफिजिकल रिसर्च-प्लैनेट में प्रकाशित हुआ है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें