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भवन से भंवर में छात्रों का भविष्य

भागलपुर: एक कमरे में दो स्कूल के बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं. यह किसी गांव की पीड़ा नहीं, बल्कि नगर निगम क्षेत्र के नाथनगर में स्थित हिंदू अनाथालय प्राइमरी स्कूल व बाबू टोला प्राथमिक विद्यालय की है. नाथनगर गुरुकुल हाई स्कूल के पीछे चलनेवाला नगर निगम के दोनों प्राथमिक विद्यालयों में वर्ग एक से पांच […]

भागलपुर: एक कमरे में दो स्कूल के बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं. यह किसी गांव की पीड़ा नहीं, बल्कि नगर निगम क्षेत्र के नाथनगर में स्थित हिंदू अनाथालय प्राइमरी स्कूल व बाबू टोला प्राथमिक विद्यालय की है.

नाथनगर गुरुकुल हाई स्कूल के पीछे चलनेवाला नगर निगम के दोनों प्राथमिक विद्यालयों में वर्ग एक से पांच तक की पढ़ाई होती है. छोटे-छोटे दो कमरेवाले इस स्कूल में एक कमरा क्षतिग्रस्त होने से उसे बंद कर दिया गया है. दूसरे कमरे में ही दोनों स्कूलों के 168 बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. एक में 108 बच्चे और दूसरे स्कूल में 60 बच्चे पढ़ते हैं. मामला यहीं खत्म नहीं हो जाता है, स्कूल आवर में अगर बारिश हो गयी, फिर तो भगवान ही मालिक. मजबूरन बच्चे को स्कूल से छुट्टी दे दी जाती है.

बारिश शुरू और स्कूल में हो जाती है छुट्टी
एक स्कूल के बच्चे को कमरे में और दूसरे स्कूल के बच्चे को बरामदे पर ही पढ़ाया जाता है. बुधवार को जब प्रभात खबर की टीम स्कूल पहुंची, तो देखा कि बच्चे बरामदे पर बारिश में भींगी जमीन पर गिली चट्टी पर बैठ पढ़ाई कर रहे थे. आसपास के लोगों से जानकारी मिली कि बारिश के दौरान स्कूल में छुट्टी दे दी जाती है. हिंदू अनाथालय प्राथमिक विद्यालय में 108 बच्चों पर तीन शिक्षक हैं, लेकिन बाबू टोला प्राथमिक विद्यालय में 60 बच्चे पर एक ही शिक्षक हैं. वह भी प्रतिनियोजित हैं. मौके पर मौजूद शिक्षक पालटन हेंब्रम व विनीता देवी ने बताया कि दोनों स्कूलों में दो किलोमीटर से भी ज्यादा दूर क्षेत्र चंपा पुल, महमद पुर, मुसलिम टोला, रेल लाइन पार आदि के बच्चे पढ़ने आते हैं. कमरा के साथ-साथ बरामदा भी जजर्र हो चुका है. बीच-बीच में छज्जा का प्लास्टर गिरता रहता है. स्कूल में चहारदीवारी नहीं है. बिजली के तार तो स्कूल में हैं, लेकिन जजर्र व खराब रहने से बिजली की सुविधा नहीं है. 2013 में बाबू टोला प्राथमिक विद्यालय को हिंदू अनाथालय प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट किया गया है.

दोमंजिला भवन बनेगा, तभी निदान
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विनय कुमार मंडल ने बताया कि वास्तव में स्कूल की स्थिति जजर्र है. इंजीनियर से दिखा कर स्कूल की मरम्मत करवाने के बारे में विभाग को लिखेंगे. स्कूल में जगह की कमी है. विभाग को यह भी लिख कर बतायेंगे कि अगर स्कूल को तोड़ कर दो मंजिला बना दिया जाये, तो समस्या का समाधान हो सकता है.

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