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नीतीश के ट्वीट पर दिन भर चलती रही बयानबाजी
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक ट्वीट पर बुधवार को दिन भर राजनीति गरमायी रही. बाद में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ट्वीट में रहीम के दोहे का इस्तेमाल भाजपा के लिए किया गया है. क्या था ट्वीट ट्वीटर पर आस्क नीतीश फोल्डर में उनके फॉलोअर सुनील चांडक ने सवाल किया था – आप लालू […]
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक ट्वीट पर बुधवार को दिन भर राजनीति गरमायी रही. बाद में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ट्वीट में रहीम के दोहे का इस्तेमाल भाजपा के लिए किया गया है.
क्या था ट्वीट
ट्वीटर पर आस्क नीतीश फोल्डर में उनके फॉलोअर सुनील चांडक ने सवाल किया था – आप लालू प्रसाद के साथ चुनाव जीत कर गुड गवर्नेंस और विकास करनेवाली सरकार किस प्रकार दे पायेंगे?
नीतीश कुमार का ट्वीटर पर जवाब
बिहार का विकास मेरा एकमात्र एजेंडा है और रहेगा. इसे इस प्रकार समझना चाहिए.
जो रहीम उत्तम प्रकृति,का करी सकत कुसंग ।
चंदन विष व्यापत नहीं ,
लिपटे रहत भुजंग ।।
भाजपा है ‘जहर’, लालू प्रसाद नहीं : नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने ट्वीट को स्पष्ट करते हुए कहा कि ट्वीट में मैंने रहीम के जिस दोहे का प्रयोग किया है, वह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के लिए नहीं, बल्कि भाजपा के लिए किया गया है. उन्होंने कहा कि ट्वीट में एक सवाल के जवाब में लोगों को पृष्ठभूमि बतायी गयी है कि भाजपा जिसका विचार जहरीला है, उसके साथ रहने के बाद भी मुझ पर जहर का कोई असर नहीं पड़ा, तो आगे किसी भी परिस्थिति से चिंता करने की जरूरत नहीं है. इसके पहले बुधवार को लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री से अपने इस ट्विट पर सफाई देने को कहा था.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंठबंधन की ओर से जब मुङो मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था, तो लालू जी ने कहा कि सांप्रदायिकता से लड़ने के लिए और भाजपा को रोकने के लिए मैं जहर भी पीने को तैयार हूं. ऐसा थोड़े था कि उन्होंने जहर का प्रयोग मेरे लिए किया था. बाद में उन्होंने इसे स्पष्ट भी किया. उसी प्रकार मैं रहीम के जिस दोहे का प्रयोग किया है, वह पूरी तरह से भाजपा के लिए है.
मुख्यमंत्री अब लाख सफाई दें, लेकिन उनका कथन तो बड़े भाई के लिए ही था. लालू यादव पहले नीतीश कुमार को जहर बता चुके हैं, अब नीतीश कुमार लालू प्रसाद को सांप बता रहे हैं. इस विषैले सांप के जहर को साधने का मंत्र भाजपा के पास है. असल में नीतीश कुमार पर यह पंक्ति सटीक बैठती है कि ‘संगत से गुण होत है संगत से गुण जात’. यही कारण है कि लालू की संगत से जंगलराज प्रारंभ हो गया है. विकास ठप हो गया है. (सुशील कुमार मोदी, भाजपा)
नीतीश कुमार बतायेंगे कि उन्होंने किसके बारे में क्या कहा. भाजपा के बारे में बोले हैं या किस पर, उनसे पुछिए, वही बतायेंगे. (लालू प्रसाद, राजद)
यह दोहा था, इसे दोहा तक ही रहने दीजिए. (डा अजय आलोक, जदयू)
नीतीश कुमार के अंदर की बेचैनी उनकी जुबान पर आ गयी. (नंदकिशोर यादव, भाजपा)
रोपे पेड़ बबूल का तो आम कहां से होए. (गिरिराज सिंह, केंद्रीय राज्यमंत्री)
दिल की बात जुबां पर आ ही गयी. पर अब कुछ नहीं हो सकता (शाहनवाज हुसैन, भाजपा)
जैसा काम करेंगे वैसा फल भोगना ही पड़ेगा. (उपेंद्र कुशवाहा,केंद्रीय राज्यमंत्री)
अब जनता को तय करना है कि इसमें सांप कौन है और नेवला कौन है. (रामकृपाल यादव, केंद्रीय राज्यमंत्री)
यह गंठबंधन नहीं लठबंधन है. इसलिए आपसी कलह शुरू हो गया है. (धर्मेद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री)
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