अगर राज्य में एनडीए की सरकार बनी तो इंटर प्रथम श्रेणी से पास करने वाले अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों को 15 हजार और मैट्रिक व इंटर द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण होनेवालों को भी आठ हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी.उन्होंने कहा कि सरकार बताये कि क्या इस साल 22 जून तक नामांकन नहीं होता रहा है. क्या यह सच नहीं है कि सरकार के पास नामांकित छात्रों की कोई सूची नहीं है.
क्या पिछले साल के नामांकित छात्रों की संख्या के आधार पर ही जिलों की राशि नहीं भेजी गयी है. जब सरकार ने खुद विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए छात्रों की हाजिरी में छूट दी है तो तो फिर प्रधानाध्यापक कैसे पता करेंगे कि कोई छात्र सरकारी स्कूल में नामांकन लेने के साथ ही निजी स्कूलों में पढ़ता है. ऐसे में प्रधानाध्यापकों पर आपराधिक मुकदमे और विभागीय कार्रवाई की धमकी देने का क्या मतलब है. उन्होंने कहा कि सरकार बतायें कि क्या वह दिवालिया हो गयी है जो छात्रों को छात्रवृत्ति की आधी राशि का भुगतान कर रही है. क्या यह सही नहीं है कि राशि वितरण का जिम्मा उन लाखों शिक्षकों को दिया गया है जो पिछले पांच महीने से खुद वेतन के लिए तरस रहे हैं. वर्ग सात से बारहवीं की छात्रओं को वितरित की जाने वाली सेनेटरी नैपकिन योजना 2014-15 में जब विफल रही तो इस साल उसे खरीद कर वितरित करने की जगह सरकार नगद राशि का भुगतान कर रही है. सरकार बतायें कि क्या ग्रामीण इलाकों में सेनेटरी नैपकिन सहज उपलब्ध है और गांवों के सभी अभिभावक अपनी बच्चियों को उसे खरीद कर दे पायेंगे. सरकार इस कदर जल्दबाजी में है कि विभिन्न योजनाओं के तहत छात्र-छात्रओं के बीच राशि वितरण के लिए गाइड लाइन की पुस्तिका भी इस साल जनप्रतिनिधियों को नहीं दी गयी है. सरकार इतनी उतावली है तो उसे सीधे बिहार के लोगों के घर पर ही राशि पहुंचा देनी चाहिए.