नयी दिल्ली : ललित मोदी विवाद, व्यापमं घोटाले और अन्य मुद्दों पर विपक्ष के हमलों को नाकाम करने की कवायद के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत की पूर्व संध्या पर सोमवार को राजग के सभी घटक दलों की पहली बैठक बुलायी है, ताकि विपक्ष का सामना करने की रणनीति तैयार की जा सके. यह बैठक इसलिए अहम है क्योंकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस और वाम दलों ने व्यापमं घोटाले और ललित मोदी विवाद सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरने का मन बनाया है. इन मामलों में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के नाम सामने आये हैं.
पीएम ने पहली बार बुलायी बैठक
मई 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने पहली बार अपने गंठबंधन सहयोगियों की बैठक बुलायी है. संसद में अपनी सरकार के लिए विपक्ष की ओर से खड़ी की जाने वाली मुश्किल को भांपते हुए मोदी ने शुक्रवार को स्वीकार किया था कि अब ‘मुकाबला’ होगा. वैसे भाजपा की सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी शिवसेना राजग के घटक दलों की बैठक बुलाने की मांग करती रही है. राज्यसभा में पार्टी के नेता संजय राउत ने यह कहते हुए मोदी के इस फैसले पर खुशी जाहिर की कि इससे गठबंधन को विपक्ष की चुनौती का सामना करने की रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी. लोकसभा में जहां भाजपा की अगुवाई वाले घटक दलों का बहुमत है, वहीं राज्यसभा में इसके पास बहुमत के लिए जरुरी संख्या बल नहीं है. इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की ओर से सोमवार को सर्वदलीय बैठक भी बुलायी गयी है ताकि संसद के सुचारु संचालन में मदद मिल सके.