नये कपड़ों के लिए तरसते रहे अल्पवेतन भोगी परिवार मायूसी में बीता त्योहार दरभंगा : नियोजित शिक्षक अब्दुल मन्नान की पुत्री 6 वर्षीया मुन्नी को ईद के मौके पर नये कपड़े नहीं मिले. मुन्नी का मासूम मायूस चेहरा उनके माता-पिता को असहनीय हो रहा है. उन्हें लगता है कि कैसी नौकरी है कि गत चार माह से वेतन नहीं मिला. उन्हें आशा थी कि साल भर के पर्व पर उन्हें वेतन मिलेगा, किंतु हो न सका. कर्ज में डूबे मन्नान अपने परिवार के लिए नये कपड़े के लिए फिर से कर्ज मांगने का साहस नहीं जुटा पाये. शिक्षक मंजूर अहमद को अपने बीबी-बच्चे के लिए अच्छा कपड़ा नहीं खरीद पाने का मलाल है. यह कुछ बानगी है, जिससे नियोजित शिक्षकांे को ईद में विषम परिस्थिति से गुजरना पड़ा. जहां इस मौके पर ढेरों खुशियां बांटनी थी, वहां अल्प वेतनभोगी कई शिक्षक परिवारों में मायूसी छायी हुई थी. उनके मायूसी का मुख्य कारण समय पर वेतन नहीं मिल पाना है. विडंबना इस बात की रही कि विभाग से आवंटन मिलने के बावजूद वेतन की राशि शिक्षकों तक नहीं पहुंच सकी. यह अलग बात है कि नियोजित शिक्षकों को जून तक का आवंटन ईद के कुछ ही दिन पूर्व मिला. इसके बाद शिक्षकों के खातों तक पहुंचने की जटिल प्रक्रिया का खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ा तथा उन्हें बिना वेतन के ही त्योहार मनाने की मजबूरी रही. रोजेदार अल्पवेतन भोगी शिक्षकों की एक बड़ी समस्या यह भी रही कि उन्हें 4-6 माह से वेतन नहीं मिल रहा था.
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ईद पर भी नहीं मिला शिक्षकों को वेतन
नये कपड़ों के लिए तरसते रहे अल्पवेतन भोगी परिवार मायूसी में बीता त्योहार दरभंगा : नियोजित शिक्षक अब्दुल मन्नान की पुत्री 6 वर्षीया मुन्नी को ईद के मौके पर नये कपड़े नहीं मिले. मुन्नी का मासूम मायूस चेहरा उनके माता-पिता को असहनीय हो रहा है. उन्हें लगता है कि कैसी नौकरी है कि गत चार […]
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