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अरियरी में फ्लोरेसिस के मरीज बढ़े

अरियरी : जिले के चोढ़दरगाह गांव में फ्लोरेसिस बीमारी से यूं तो सवा सौ लोग बीमार हैं मगर वह बीमारी सरकारी तंत्र और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण मौत का रूप धारण कर रहा है बुधवार की अहले सुबह गांव में फ्लोरेसिस नामक बीमारी से ग्रसित 10 वर्षीय राहुल की भी मौत हो गयी. इस […]

अरियरी : जिले के चोढ़दरगाह गांव में फ्लोरेसिस बीमारी से यूं तो सवा सौ लोग बीमार हैं मगर वह बीमारी सरकारी तंत्र और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण मौत का रूप धारण कर रहा है बुधवार की अहले सुबह गांव में फ्लोरेसिस नामक बीमारी से ग्रसित 10 वर्षीय राहुल की भी मौत हो गयी.
इस बीमारी से अब तक तीन की मौतें हो चुकी है़ सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि इन मौतों की चित्कार से आज तक क्षेत्र के प्रतिनिधियों और अधिकारियों की नींद नहीं खूल सकी़ इसका नतीजा है कि बीमार तिल-तिल कर जीने को विवस हैं.
बुधवार को मृत राहुल गांव के ही मिट्टू चौधरी का पुत्र है़ गांव में फ्लोरेसिस बीमारी के कारण जिंदगी और मौत के बीच शाकीन रविदास,आषा देवी की जान किसी भी वख्त जा सकती है़ फ्लोरेसिस बीमारी के कारण गांव के राहुल के अलावे 45 वर्षीय सुनील साव,सावो देवी की मौत इसी वर्ष हुई है़ गांव 125 फ्लोरेसिस पीड़ितों की लगातार हो रही मौतों से मानवता दहल रही है़
बस नाम की है योजना :जिले के छह प्रखंडों को लगभग 270 फ्लोराइड से दूषित चापाकल एवं अन्य जल श्रोतों को चिह्न्ति किया गया है़ इन जल श्रोतों में अधिकतम 7़1 पी0 पी0 एम0 फ्लोराइड की मात्र पायी गयी है़ जबकि 0.5 से 1.5 पी0 पी0 एम0 फ्लोराइड की ही मात्र सामान्य है़ चोढ़गरगाह पंचायत के कोयंदा गांव मे बजीर महतो के घर के समीप सरकारी चापाकल में सबसे अधिक फ्लोराइड की मात्र है़
क्या है व्यवस्था : पिछले पांच साल पूर्व जिले भर के वेसे चापाकल जो फ्लाराइड से दूषित है़ उसमें 50-50 हजार की लागत से मिनी जलापूर्ति ट्रिटमेंट प्लांट लगाया गया 15 से 25 लाख की लागत से सोलर ट्रिटमेंट जलापूर्त्ति का क्रियान्वयन किया गया़ परंतु रख-रखाव के आभाव में मिनी ट्रिटमेंट प्लांट का आज नामोनिशान भी नहीं रह गया है़ जबकि सोलर जलापूर्ति से लोगों को शुद्घ पानी नहीं मिल पा रहा है़ चोढ़दरगाह का रविदास टोला जहां करीब सवा सौ फ्लोरेसिस मरीज रहते है़ गांव में शुद्घ पानी आपूर्ति हो सके इसके लिए दो सोलर जलापूर्त्ति को स्थापित किया गया था़ पश्चिमी टोले के जलापूर्ति से अल्पसंख्यकों को जलापूर्ति की जा रही है़
जबकि पूर्वी टोले के लिए जो बोरिंग और ट्रिटमेंट प्लांट लगा वह आबादी से काफी निचले हिस्से में है जिसके कारण रविदास टोले में ट्रिटमेंट का पानी ही नहीं पहुंच रहा है़ पिछले पांच सालों से आश्वासनों की घूंट पी रहे ग्रामीण जहरनुमा दूषित पानी पीने को विवश हैं
क्या है स्वास्थ्य की योजना :जिले मेंफ्लोरेसिस पीड़ितों को चिकित्सा लाभ मिल सके इसके लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2012 में 40 लाख रुपये का आवंटन किया था़ इस आवंटन में स्पेशल और आधुनिक लैब की स्थापना की जानी थी़
इस लैब के जरिये मरीजों का पेशाव,ब्लड और आवश्यक जांच कराकर उसे उपचार लाभ देना था़ मगर आज तक लैब को स्थापित नहीं की जा सकी़

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