लंदन/बीजिंग : चीनी अधिकारियों ने ‘एक आतंकी समूह’ के साथ रिश्तों के संदेह के आधार पर उत्तरी भीतरी मंगोलिया के एर्डोस हवाईअड्डे पर जिन 20 लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें एक भारतीय भी शामिल है. ये लोग धार्मिक रूप से प्रेरित अफ्रीकी चैरिटी ‘गिफ्ट ऑफ द गिवर्स’ से जुडे हैं. यह जानकारी आज ब्रितानी अधिकारियों और चैरिटी समूह ने दी है. 10 जुलाई को गिरफ्तार किए गये इन लोगों की गिरफ्तारी के पीछे के कारण स्पष्ट नहीं हैं.
विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने आज कहा, ‘नौ ब्रितानी नागरिकों और ब्रिटेन एवं दक्षिण अफ्रीका दोनों की नागरिकता रखने वाले दो लोगों को उत्तरी चीन में गिरफ्तार किया गया है. वाणिज्य दूतावास के कर्मचारी समूह को मदद उपलब्ध करवाने के लिए पहुंच गये हैं और हम चीनी अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं.’ गिफ्ट ऑफ गिवर्स के अनुसार, गिरफ्तारियों के 48 घंटे बाद टूर संचालक को रविवार को कुछ गडबड महसूस हुई.
उसने पाया कि छुट्टी मनाने आए लोगों को हवाईअड्डे पहुंचने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है. इस समूह ने कहा, ‘यह यात्रा प्राचीन चीन को समझने के लिए थी. 47 दिन की इस यात्रा पर 10 दक्षिण अफ्रीकी, नौ ब्रितानी और एक भारतीय व्यक्ति गया था. शुक्रवार 10 जुलाई को इस यात्रा में भारी गडबड हो गई, जब इन लोगों को भीतरी मंगोलिया के एर्डोस हवाईअड्डे पर स्थानीय समयानुसार सुबह नौ बजकर 40 मिनट पर गिरफ्तार कर लिया गया.’
समूह ने कहा कि दक्षिणी अफ्रीकी दूतावास और ब्रितानी दूतावास के एक दल ने आज सुबह चीनी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की. गिरफ्तार किये गये 20 लोगों में से 11 लोगों को रिहा कर दिया गया लेकिन उन्हें बिना आरोपों के तब तक हिरासत में रखा जाएगा, जब तक चीन से बाहर जाने के लिए उनकी विमानों में बुकिंग नहीं हो जाती. शेष नौ पर्यटकों- तीन ब्रितानी, पांच दक्षिण अफ्रीकी और एक भारतीय को बिना आरोप के हिरासत केंद्र में रखा गया है.
चैरिटी समूह ने अपने फेसबुक पेज पर कहा, ‘चीनी लोगों का कहना है कि कुछ सदस्य एक आतंकी समूह (प्रतिबंधित संगठन) से जुडे थे और अपने होटल में दुष्प्रचार करने वाले वीडियो देख रहे थे.’ समूह ने एक बयान में कहा, ‘गिरफ्तारी के लिए कोई कारण नहीं बताये गये. सेलफोन जब्त कर लिये गये. इन लोगों के देश के दूतावासों या इनके परिवारों को इन तक नहीं पहुंचने दिया गया.
इन्हें बिना किसी आरोप के हिरासत में रखा गया है और संचार के किसी तरीके या कानूनी प्रतिनिधित्व तक इनकी पहुंच नहीं है.’ समूह ने आतंकी संबंध के दावे खारिज करते हुए कहा, ‘इन लोगों का आतंकवाद से कोई रिश्ता नहीं है. इनके अपने देश में इनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा.’ इसी बीच बीजिंग में मौजूद ब्रितानी राजनयिकों ने संकेत दिये हैं कि पकडे गये छह ब्रितानियों को जल्दी ही उनके देश वापस भेजा जा सकता है.